
देश के 17 बैंकों के घोषित 'विलफुल डिफॉल्टर' शराब कारोबारी विजय माल्या के देश-विदेश की संपत्ति सीज होगी. सीबीआई ने अपनी जांच में फॉरेंसिक ऑडिट जांच के बाद दावा किया है कि माल्या ने अवैध तरीके से बड़ी रकम बाहर भेजी है. ईडी को इस बारे में अहम सबूत हाथ लगे हैं. सीएफओ ए रघुनाथन ने इस बात की पुष्टि की है.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस भी दर्ज
ईडी के अधिकारी ने बताया कि कर्ज की रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. इसलिए माल्या ने रकम को अवैध तरीके से विदेश भेजा है. इस बारे में उन्होंने बैंकों को भी अंधेरे में रखा था. सीबीआई बैंक लोन से संबंधित फाइलों को अपने कब्जे में ले चुकी हैं. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस भी दर्ज किया गया है.
राजनीतिक दबाव की जांच करेगी सीबीआई
सीबीआई अब माल्या को मिले लोन की भी जांच कर रहा है. एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिन बैंकों ने माल्या को कर्ज दिया था, उनपर कोई राजनीतिक दबाव तो नहीं था. सीबीआई को इस बात का शक है कि इस मामले का राजनीतिक संबंध हो सकता है. क्योंकि किंगफिशर एयरलाइंस की माली हालत दयनीय होने के बावजूद बैंकों ने नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज कैसे दे दिया था.
टैक्स हेवेन देशों में ट्रांसफर की गई बड़ी रकम
बताया जा रहा है कि माल्या ने इन रकमों को टैक्स हेवेन देशों में ट्रांसफर किए हैं. सारी रकम कई देशों के वेंडर्स के नाम पर बाहर भेजे गए हैं. दूसरी ओर, माल्या के केस को राज्य सभा एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया है. उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था.
जारी हो सकता है रेड कॉर्नर नोटिस
इंटरपोल उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है. पीएमएलए कोर्ट के मुताबिक उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की माग की जा रही है. इन सब विवादों के बाच माल्या दो मार्च को ही भागकर देश से बाहर जा चुके हैं. इसके बाद मामले पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.