Advertisement

पेट्रोल-डीजल के दाम: जेटली ने दी दर्द की दवा, मर्ज फिर भी लाइलाज

जेटली ने फिलहाल आम लोगों को तेल कीमतों में महंगाई की मार से निजात तो दी है लेकिन वे इस मर्ज का स्थाई समाधान पेश करने में विफल रहे. उनके खुद के शब्दों में कहा गया है कि तेल कीमतों को लेकर अनिश्चितता का माहौल है, यानी कहा नहीं जा सकता कि तेल कीमतें आगे कितनी और बढ़ सकती हैं.

अरुण जेटली, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केन्द्रीय वित्त मंत्री
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे से दबाव में आई मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये के कटौती का ऐलान किया है. ये ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने दावा किया कि इस राहत से केंद्र सरकार के राजस्व पर नुकसान नहीं होगा.

हालांकि जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं को वैश्विक स्तर पर निर्धारित हो रही विवशता को समझने की जरूरत है. यानी वित्त मंत्री ने साफ संकेत दिए कि उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में महंगे पेट्रोल-डीजल के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

Advertisement

गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हुई अहम बैठक के बाद जेटली ने केन्द्र सरकार के खाते से 2.50 रुपये  की कटौती का ऐलान किया है. इस कटौती में 1.50 रुपये प्रति लीटर का बोझ केन्द्र सरकार पर पड़ेगा और 1 रुपये प्रति लीटर का बोझ ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को उठाना पड़ेगा.

मोदी-पुतिन की डील पर ट्रंप की टेढ़ी नजर, S-400 पर CAATSA बैन का डर

आम आदमी को समझना होगा ग्लोबल चुनौती

बाहरहाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी चुनौतियों पर जेटली ने कहा कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों पर अनिश्चितता हावी है. जेटली ने दलील दी कि यह कोई नहीं जानता कि कच्चे तेल पर ईरान क्या रुख लेगा? इस मामले में ओपेक किस करवट बैठेगा? अमेरिका में लगातार हो रहे घरेलू बदलाव का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. अमेरिकी डॉलर में जारी मजबूती के चलते रुपये समेत दुनिया की कई करेंसी दबाव में हैं और इसका नुकसान दुनियाभर में आम आदमी को उठाना पड़ रहा है.

Advertisement

5 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो सकता पेट्रोल-डीजल  

केंद्रीय वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल में 2.50 रुपये की कटौती का ऐलान करते हुए कहा कि आम आदमी को कम से  कम 5 रुपये प्रति लीटर की राहत तत्काल प्रभाव से पहुंचाई जा सकती है. जेटली ने कहा कि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर एडवैलोरम टैक्स वसूलती हैं. और राज्यों का औसत टैक्स 29 फीसदी है. इसके चलते जैसे है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल महंगा होता है राज्य सरकारों की कमाई में इजाफा होने लगता है.

डूब गया ये शैडो बैंक तो टूट जाएगा SBI और LIC का रूरल कनेक्ट

जेटली ने दावा किया कि कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे से केन्द्र सरकार की कमाई स्थिर रहती है. लिहाजा, मौजूदा स्थिति में राज्यों को केन्द्र की 2.50 रुपये की कटौती की तर्ज पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कटौती का रास्ता साफ करना होगा.

कुल मिलाकर जेटली ने फिलहाल आम लोगों को तेल कीमतों में महंगाई की मार से निजात तो दी है लेकिन वे इस मर्ज का स्थाई समाधान पेश करने में विफल रहे. उनके खुद के शब्दों में कहा गया है कि तेल कीमतों को लेकर अनिश्चितता का माहौल है. यानी कहा नहीं जा सकता कि तेल कीमतें आगे कितनी और बढ़ सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो सरकार फिर कोई राहत देगी या नहीं, ये तो भविष्य बताएगा लेकिन सरकार तेल कीमतों को कंट्रोल करने के मामले में बिल्कुल बेबस है. सरकार ने दर्द से राहत तो दे दी है लेकिन महंगाई के इस मर्ज को हमेशा के लिए दूर करने का कोई इलाज उसके पास नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement