Advertisement

रिटायर्ड अफसर बोले- जानबूझ कर नोटबंदी-राफेल पर ऑडिट रिपोर्ट टाल रहा CAG

कई पूर्व अधिकारियों ने कैग को चिट्ठी लिख राफेल समेत अन्य मामलों की ऑडिट रिपोर्ट मेंदेरी करने का आरोप लगाया है.

राफेल डील पर विवाद जारी (फाइल) राफेल डील पर विवाद जारी (फाइल)
मोहित ग्रोवर
  • ,
  • 13 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

आरबीआई और सीबीआई जैसी बड़ी संस्थाओं में चल रही विवाद में उलझी केंद्र सरकार के लिए एक और चिंता का विषय सामने आया है. करीब 60 से अधिक रिटायर्ड अधिकारियों ने कैग (Comptroller and Auditor General) को चिट्ठी लिख नोटबंदी और राफेल डील की जांच को जानबूझ कर टालने का आरोप लगाया है.

इन अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि ये इसलिए टाला जा रहा है ताकि एनडीए सरकार की छवि को नुकसान ना पहुंचे. पीटीआई की खबर के अनुसार, इन सभी रिटायर्ड अधिकारियों ने कैग को लिखी चिट्ठी में कहा कि राफेल डील, नोटबंदी की ऑडिट रिपोर्ट जारी करने में अस्वाभाविक देरी की जा रही है. इन सभी रिपोर्ट्स को शीतकालीन सत्र में संसद के पटल पर रखना चाहिए.

Advertisement

चिट्ठी में लिखा गया है कि इस प्रकार ऑडिट रिपोर्ट जारी करने में देरी करना कैग के भरोसे पर कई तरह के सवाल खड़े करेगा. पूर्व अधिकारियों द्वारा लिखी गई इस चिट्ठी पर अभी कैग का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.अपने इस खत में अधिकारियों ने नोटबंदी पर कई मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है.

उन्होंने ये भी लिखा है कि इस तरह की ऑडिट रिपोर्ट पर पिछला बयान 20 महीने आया था और तब से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.चिट्ठी लिखने वाले रिटायर्ड अधिकारियों में जूलियो रिबेरियो, अरुणा रॉय, मीरन बोरवंकर, जवाहर सिरकार जैसे लोग शामिल हैं.

चिट्ठी में दावा किया गया है कि कैग की राफेल पर ऑडिट रिपोर्ट सरकार की छवि बिगाड़ सकती थी. जिस प्रकार पहले 2जी, कोल, आदर्श जैसी रिपोर्ट से पिछली सरकार की छवि बिगड़ी थी, वैसा ही असर हो सकता है. आपको बता दें कि पूर्व अधिकारियों ने इससे पहले भी कठुआ गैंग रेप समेत अन्य कई मुद्दों पर मोदी सरकार को खत लिख चिंता जताई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement