
पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई को इशरत जहां एनकाउंटर मामले से जुड़े दूसरे हलफनामे में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम की तरफ से किए गए बदलाव के बारे में जानकारी थी. ईटी की खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव बीके प्रसाद की जांच कमेटी की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक हलफनामे के सिलसिले में पिल्लई तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती के साथ तत्कालीन लॉ मिनिस्टर वीरप्पा मोइली के चैंबर में हुई बैठक में शामिल हुए थे. पूर्व गृह सचिव पिल्लई गृह मंत्रालय में अकेले ऐसे शख्स थे, जिन्हें इस हलफनामे में किए गए बदलाव के बारे में पता था.
इससे पहले इशरत जहां एनकाउंटर मामले में कई सनसनीखेज खुलासे कर चुके पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने दावा किया था कि 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस केस में केंद्र सरकार का हलफनामा बदलवाया था, ताकि इशरत के लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन की बात सामने ही न आए. पिल्लई यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव थे. उन्होंने बताया था कि 'तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम ने ज्वॉइंट सेक्रेटरी से इशरत जहां केस की फाइल मंगवाई थी और कहा था कि हलफनामे में बदलाव की जरूरत है.
जांच कमेटी ने कहा कि उन्होंने पिल्लई की उस चिट्ठी का ड्राफ्ट हासिल किया है, जो उन्होंने अटॉर्नी जनरल को लिखी थी. इस चिट्ठी में भारत सरकार की तरफ से दायर हलफनामे के सिलसिले में तत्कालीन लॉ मिनिस्टर के चैंबर में हुई बैठक का भी जिक्र है. जांच कमेटी के सबसे अहम गवाह में पूर्व जॉइंट सेक्रटरी डी दीप्तिविलास शामिल हैं.