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गोवा में सत्ता हुड़दंग लोकतंत्र की हत्याः शिवसेना

पर्रिकर पर चुटकी लेते हुए शिवसेना ने कहा कि गोवा के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी हुड़दंग शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि हारकर जितने वाले को बाजीगर कहते हैं, जबकि जीतकर हारने वाले को कांग्रेस और बिना इलेक्शन जीते हुए सीएम बनने वाले को मनोहर पर्रिकर कहते हैं.

उद्धव ठाकरे उद्धव ठाकरे
संदीप कुमार सिंह
  • मुंबई,
  • 15 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

गोवा में जारी राजनीतिक घमासान पर शिवसेना ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. उसने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि कांग्रेस की सुस्ती की वजह से बीजेपी का विरोध करके चुनाव जीतने वाली पार्टियां खरीद फरोख्त में शामिल हो गईं. गोवा में सत्ता के लिए चल रहे हुड़दंग मैच को लोकतंत्र की हत्या के सिवाय कुछ नहीं कहा जा सकता है. लोकतंत्र का ऐसा खून गोवा में कई बार हो चुका है. उसमे एक और खून जुड़ गया. हमारे लोकतंत्र को खून पचाने की शक्ति मिले. मनोहर पर्रिकर को हमारी शुभकामनाएं.

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पर्रिकर पर चुटकी लेते हुए शिवसेना ने कहा कि गोवा के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी हुड़दंग शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि हारकर जितने वाले को बाजीगर कहते हैं, जबकि जीतकर हारने वाले को कांग्रेस और बिना इलेक्शन जीते हुए सीएम बनने वाले को मनोहर पर्रिकर कहते हैं.

शिवसेना ने कहा कि गोवा की जनता ने नालायक कांग्रेस को बहुमत के करीब लाकर खड़ा कर दिया, लेकिन वह अपनी सुस्ती के चलते सरकार बनाने में विफल रही. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने बेहद चौकसी बरती और देश के रक्षामंत्री को अपना बोरिया बिस्तर बांधकर गोवा वापस लौटना पड़ा. शिवसेना ने सवाल उठाए कि शायद मनोहर पर्रिकर सरकार पर बोझ बन गए रहे होंगे, जिसके चलते उनको गोवा वापस भेजा गया.

पार्टी ने कहा कि रक्षामंत्री का पद छोड़कर पर्रिकर गोवा लौट आए. यह उनके इच्छानुसार हो गया, लेकिन गोवा में पर्रिकर और उनकी पार्टी को पूरी तरह नकार दिया यह वास्तुस्थिति है। वैसे भी जब पर्रिकर रक्षामंत्री थे, तब भी वह गोवा में ही रहते थे. पकिस्तान जैसे दुश्मन देश की नाक में सुखा डैम भरते थे. शिवसेना ने सामना में कहा कि सच्चाई यह है कि जिनके समर्थन से पर्रिकर सरकार बना रहे हैं, उनको बीजेपी के खिलाफ जनमत मिला है.

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गोवा में बीजेपी की सत्ता थी . वहां मोदी की सभाएं भी हुई, लेकिन बीजेपी को महज 13 सीटें ही मिलीं। शिवसेना या गोवा सुरक्षा मंच को मतदाताओं ने नकार दिया और कांग्रेस को 17 सीटें जीताकर बड़ी पार्टी के रूप में चुना. ऐसे में सवाल यह है कि आखिरकार यह किसकी हार है? गोवा फॉरवर्ड ब्लॉक के विजय सरदेसाई को प्रचार के दौरान पर्रिकर फिक्सर कहते थे. अब उसी सरदेसाई द्वारा पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद पर 'फिक्स' कहना मज़ाक ही कहा जाएगा.

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