
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों ने कांग्रेस को इस बार बड़ा झटका नहीं दिया. उन चुनावों ने एक ओर जहां कांग्रेस से उत्तराखंड छीना तो बदले में पंजाब जैसा बड़ा राज्य दे भी दिया. मतगणना के बाद पांचों राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस का स्कोर था 2-3. गौरतलब है कि बीजेपी ने यूपी और उत्तराखंड में बहुमत हासिल कर लिया था. जबिक कांग्रेस को पंजाब में तो बहुमत मिला लेकिन मणिपुर और गोवा में वह सबसे बड़ी पार्टी थी.
दो राज्यों (गोवा और मणिपुर) में कांग्रेस बहुमत तक पहुंचते-पहुंचते रह गई. साफ जाहिर था कि सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की गणित खेलनी थी. इस खेल में बाजी मार गई बीजेपी और कांग्रेस जीत कर भी हार गई. अब अगर बीजेपी सदन में अपना बहुमत साबित करने में कामयाब हो जाती है तो बहुमत के करीब पहुंच कर भी कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ेगा.
देर से जागी कांग्रेस
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस कुछ देर से जागी. गोवा में रविवार को मनोहर पर्रिकर राज्यपाल से मिले और अपने समर्थन में 22 विधायकों का पत्र सौंपा तो राज्यपाल ने भी उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त कर 15 दिन के अंदर फ्लोर टेस्ट करने को कहा था. उसके बाद कांग्रेस राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई मगर वहां भी राज्यपाल के फैसले को ही सही ठहराते हुए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही.
कांग्रेस का हाल कुछ ऐसा ही मणिपुर में भी नजर आया. मणिपुर में भी कांग्रेस बीजेपी से पीछे रह गई. बीजेपी प्रतिनिधिमंडल रविवार शाम राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके बाद कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने भी वहां राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
अब जबकि गेंद राज्यपाल के पाले में है, सबसे बड़ा दल होने के बावजूद कांग्रेस मणिपुर सरकार बनाने का मौका खोती नजर आ रही है. क्योंकि मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह ने राजभवन में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा जरूर पेश किया है. मगर समर्थन के दावे को मजबूती से साबित करने में कामायाब नहीं हुए.
दरअसल, कांग्रेस ने भी अपने दावे में एनपीपी के विधायकों के समर्थन की बात कही थी जबकि वे उससे कुछ देर पहले ही बीजेपी के पक्ष में समर्थन की बात राज्यपाल संग कर चुके थे. खास बात यह है कि सत्ता की लड़ाई में बीजेपी ने जहां एक ओर कांग्रेस में ही सेंधमारी की है वहीं दूसरी ओर अपने समर्थन में राज्यपालों के समक्ष 32 विधायकों की परेड भी करवाई. परेड में कांग्रेस विधायक श्याम कुमार भी शामिल थे.
ये है दोनों राज्यों में दलीय स्थिति
गोवा
कांग्रेस- 17
बीजेपी- 13
महाराष्ट्रवादी गोमांतक- 3
गोवा फॉरवार्ड पार्टी- 3
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी- 1
निर्दलीय- 3
मणिपुर
कांग्रेस- 28
बीजेपी- 21
नागालैंड पीपुल्स फ्रंट- 4
नेशनल पीपुल्स पार्टी- 4
तृणमूल कांग्रेस- 1
लोक जन शक्ति पार्टी- 1
निर्दलीय- 1