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चॉपर डील: इटली कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने टाली टाटा के साथ ज्वाइंट वेंचर में FDI की मंजूरी

अगस्ता वेस्टलैंड और और टाटा संस का जॉइंट वेंचर इंडियन रोटोक्राफ्ट है. दोनों कंपनियों के बीच एफडीआई के प्रस्ताव को टालने के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में रिश्वतखोरी के आरोप में घिरी इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के भारत में टाटा संस के साथ जॉइंट वेंचर में एफडीआई बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) ने फैसला टाल दिया है.

अगस्ता वेस्टलैंड और और टाटा संस का जॉइंट वेंचर इंडियन रोटोक्राफ्ट है. दोनों कंपनियों के बीच एफडीआई के प्रस्ताव को टालने के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है. FIPB की बैठक 8 अप्रैल को हुई थी. यह बैठक वीवीआईपी चॉपर डील मामले में इटली की एक अदालत का फैसला आने के ठीक एक दिन बाद हुई थी.

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कंपनी पर हैं ये आरोप
वहीं, इस फैसले से पहले ही टाटा साफ किया था कि इंडियन रोटोक्राफ्ट का 'अगस्ता वेस्टलैंड डील से कोई लेना-देना नहीं है.' अगस्ता वेस्टलैंड पर आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान 12 VVIP हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका पाने के लिए कंपनी ने अधिकारियों और नेताओं तो रिश्वत दी थी.

हेलीकॉप्टर की असेंबल यूनिट स्थापित करने की योजना
अगस्ता वेस्टलैंड और टाटा संस का जॉइंट वेंचर AW119Kx हेलीकॉप्टर के लिए असेंबल यूनिट स्थापित करने के लिए बनाया गया है. अगस्टा ने वेंचर में एफडीआई को 17.6 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 19.64 करोड़ रुपये करने की मांग की थी.

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