Advertisement

कश्मीरी छात्रों के हाथों में पत्थर की जगह वापस कलम थमाने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार

जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा के बीच मोदी सरकार वहां के युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है. मोदी सरकार ने इस काम कि जिम्मेदारी अपने तीन अहम मंत्रालयों रक्षा, अल्पसंख्यक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को सौंपी है और जल्द ही इस विषय में ठोस नीतियां बनाकर लाने को कहा है.

कश्मीरी हिंसा कश्मीरी हिंसा
साद बिन उमर/रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2017,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा के बीच मोदी सरकार वहां के युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है. मोदी सरकार ने इस काम कि जिम्मेदारी अपने तीन अहम मंत्रालयों रक्षा, अल्पसंख्यक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को सौंपी है और जल्द ही इस विषय में ठोस नीतियां बनाकर लाने को कहा है.

IIM की शाखा खोलने की तैयारी
इससे पहले जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने गुरुवार को दिल्ली आकर एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी. दरअसल कश्मीर में जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार घाटी के हिंसा पर उतारू युवाओं को शिक्षा की तरफ वापस लाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार वहां भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) की एक ऑफ कैंपस शाखा खोलने की तैयारी कर रही है.

Advertisement

एचआरडी मंत्री जावड़ेकर ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि उनके मंत्रालय से एक टीम IIM कैंपस के लिए सर्वे करने अगले हफ्ते घाटी जाएगी. जावड़ेकर ने बताया, 'पिछले साल 30 स्कूलों को जला दिया गया, लेकिन इसके बावजूद 98% छात्र बोर्ड परीक्षा मे शामिल हुए थे.' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे राज्य में छात्रों के लिए 7 नए हॉस्टल खोलने के साथ स्कॉलरशिप की राशि भी बढ़ाने जा रहे हैं.

कश्मीर दौरे पर जाएंगे राज्यमंत्री
जावड़ेकर ने ये भी कहा, 'सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य को 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं. अब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा पर खर्च के लिए दिया गया यह पैसा सही जगह और लोगों पर इस्तेमाल हो.’ उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीरी छात्रों से बातचीत के लिए दो राज्यमंत्री घाटी के स्कूल-कॉलेजों का दौरा करने वाले हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement