
केन्द्र की मोदी सरकार 30 जून की रात इतिहास रचने की तैयारी कर चुकी है. इस खास मौके को और खास बनाने के लिए संसद भवन को चारों तरफ लाइट लगाकर सजा दिया गया है. केन्द्र सरकार ने इस अवसर पर सभी राजनीतिक पार्टियों को न्यौता दिया था लेकिन कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस पहले ही मना कर चुके हैं. मोदी सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है. देश में पिछले कई साल से जीएसटी पर बहस चल रही है सरकारें आती रहीं और जाती रहीं लेकिन जीएसटी लागू होने का इंतजार करता रहा.
जाहिर है कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले का असर आगे के सालों पर भी पड़ेगा. राजनीतिक जानकारों को उम्मीद है कि इस फैसले का फायदा मोदी को 2019 के आम चुनावों में भी हो सकता है. इस बात की तस्दीक आप निम्न बातों से भी कर सकते हैं.
सालों से इंतजार कर रहा था जीएसटी
जीएसटी नया नहीं है. एक देश एक टैक्स की मंशा के साथ सबसे पहले राजीव गांधी की सरकार में वित्त मंत्री रहे वी पी सिंह ने फरवरी 1986 में मोडिफाइड वैट (MODVAT) इंट्रोड्यूस किया था. यह काफी कुछ जीएसटी जैसा था. इसने देश के लिए एकमात्र टैक्स सिस्टम की नींव रख दी. उस वक्त राजीव गांधी की सरकार थी. इसके बाद नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य स्तर पर वैट की वकालत की तो वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने राज्यों के बीच बिक्री कर की लड़ाई दूर करने की कोशिश की. उसी दौरान 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने जीएसटी को चर्चा के लिए पेश करने की मंजूरी दी. जीएसटी मॉडल लागू करने का रोडमैप तैयार करने के लिए उन्होंने तत्कालीन पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. कुल मिलाकर कहें तो जीएसटी पिछले 17 सालों से इंतजार कर रहा था. अब जाकर वह ऐतिहासिक समय आया है. जाहिर है कि यह बात आने वाले समय में पीएम मोदी और बीजेपी अपनी रैलियों में जरूर इस्तेमाल करेंगे.
विरोधियों ने भी पास किया जीएसटी बिल
ममता बनर्जी ने जीएसटी का पुरजोर विरोध किया. उनकी पार्टी ने जीएसटी लॉन्च के कार्यक्रम से भी दूरी बना रखी है. लेकिन फिर भी पश्चिम बंगाल की विधानसभा में जीएसटी बिल पास हो चुका है. यहीं नहीं जम्मू-कश्मीर के अलावा सभी राज्यों की विधानसभाओं में यह बिल पास हो चुका है. जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि मोदी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम कितना महती था. और इसका विरोध महज एक खानापूर्ति ही है.
सबसे खास बात कि मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जीएसटी की तारीफ की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वस्तु व सेवा कर (GST) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा था कि भारत के इतिहास के इस सबसे बड़े कर सुधार से भारतीय जनता के लिए विशाल नये अवसर सृजित होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में GST की नई व्यवस्था की सराहना करते हुए इसको भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा कर सुधार बताया था.
अर्थशास्त्र विषय के जानकारों के मुताबिक इस टैक्स सिस्टम से आने वाले में जहां कारोबारियों को राहत महसूस होगी वहीं सरकार को एक्स्ट्रा आमदनी भी होगी. सरकार इस अतिरिक्त आय का इस्तेमाल देश के विकास में या फिर किसी जरूरी काम के खर्च में कर सकती है जो कहीं न कहीं देशवासियों को ही फायदा पहुंचाएगी.