
गुजरात चुनाव की जबरदस्त गहमागहमी खत्म होने के एक दिन बाद शुक्रवार यानी 15 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाला यह सत्र मात्र 22 दिनों का होगा जिसमें अगर छुट्टियों को हटा दें तो संसद सिर्फ 14 दिनों तक ही चलेगा.
लेकिन इस छोटे से शीतकालीन सत्र में भी जबरदस्त गर्मागर्मी होने के आसार हैं. गुरुवार को जब शीतकालीन सत्र से पहले बुलाए जाने वाली सर्वदलीय बैठक हुई तो विपक्ष ने अपना इरादा साफ कर दिया.
विपक्ष लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि गुजरात चुनाव के चक्कर में सरकार ने शीतकालीन सत्र को बेहद छोटा कर दिया क्योंकि उसे संसद चलाने से ज्यादा चुनाव जीतने की चिंता है. गुरुवार को जब सर्वदलीय बैठक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए तो इस आरोप के मद्देनजर उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं के सामने यह प्रस्ताव रखा की ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए की लोकसभा और विधानसभा के सारे चुनाव एक साथ ही हो और फिर सरकार 5 साल तक चले. मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा की हर दो चार महीने पर कहीं ना कहीं चुनाव होते रहने से विकास का काम प्रभावित होता है क्योंकि पार्टियां और सरकारें चुनाव व्यस्त हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस बात पर सर्वसम्मति बनती है कि देशभर में सारे विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ हो तो सरकारों को काम करने के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा.
लेकिन बैठक में गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का मामला छाया रहा और विपक्ष ने इस बात को साफ कर दिया कि वह संसद शुरू होने पर सरकार को इस बात के लिए घेरेगा कि उन्होंने गुजरात में वोट बटोरने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्यों घसीटा और पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश करने का आरोप कैसे लगाया. लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि या तो प्रधानमंत्री को इस बयान के लिए माफी मांगनी पड़ेगी या फिर उन्हें ऐसे आरोप के लिए सबूत पेश करने चाहिए क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री के ऊपर ऐसे आरोप लगाना बेहद गंभीर बात है.
सर्वदलीय बैठक से पहले विपक्षी पार्टियों की एक अपनी बैठक भी हुई जिसमें इस बात पर रणनीति तैयार की गई कि राज्यसभा से शरद यादव और अली अनवर को जिस तरह से निष्कासित किया गया है उस पर सरकार से जवाब तलब किया जाए. लालू यादव से संबंधित तोड़कर बीजेपी के साथ जाने के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड में फूट पड़ने के बाद शरद यादव और अली अनवर ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया था. चुनाव आयोग में बाजी हारने के बाद शरद यादव और अली अनवर को जेडीयू की शिकायत पर राज्यसभा से निष्कासित कर दिया गया है.
विपक्ष के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि संसद का सत्र शुरू होने के बाद विपक्ष इस बात के लिए स्वतंत्र है कि वह जो भी मुद्दा चाहे उठाएं और हम हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. शीतकालीन सत्र में संसद का माहौल क्या रहेगा यह काफी कुछ सोमवार को साफ हो जाएगा जब हिमाचल और गुजरात चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. यह बात है कि अगर इन चुनावों में बीजेपी जीत जाती है तो सरकार विपक्ष पर हावी रहेगी लेकिन अगर गुजरात में कांग्रेस की जीत होती है तो विपक्षी पार्टियां मिलकर सरकार को हर मुद्दे पर घेरेंगी.
शीतकालीन सत्र बहुत छोटा होने के बावजूद सरकार की कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा बिल पास कराए जा सकें. राज्यसभा में सरकार के 39 बिल पहले से लटके हुए हैं. अनंत कुमार ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर इनमें से ज्यादा से ज्यादा बिल को पास कराने की कोशिश की जाएगी.
लोगों की खास नजर शीतकालीन सत्र में आने वाले उस बिल पर होगी जो सरकार मुस्लिम महिलाओं में तीन तलाक को गैरकानूनी बनाने के लिए लाने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर चुका है और अब सरकार इसे कानूनी जामा पहनाने जा रही है. पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का बिल भी महत्वपूर्ण है जो लोकसभा में तो पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो सका था. इंडियन फारेस्ट एक्ट में संशोधन के लिए सरकार ने अध्यादेश का सहारा लिया था और अब शीतकालीन सत्र में सरकार इस पर बिल पास कराएगी.