
बीएसएफ के हेड कांस्टेबल सुशील कुमार (47) का परिवार उनकी शहादत पर रोता-बिलखता ही रह गया. सर्जिकल स्टाइक के बाद से लगातार पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन में देश के इस वीर सैनिक की मौत हो गई.
जिस परिवार को दीवाली मनाने की तैयारियां करनी थी वह आज अपना सहारा छिन जाने के बाद मातम मना रहा है. दुःख की इस घड़ी में परिवार का दर्द बांटने के लिए पूरा हरियाणा उमड़ पड़ा. बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और यहां तक की सुशील कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक शहर पहेवा पहुंचाने वाले BSF के जवानों की आंखों में भी आंसू थे.
बावजूद इसके लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा था. एक ओर जहां सुशील जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे वहीं पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी बुलंद हुए. ये क्रम शहीद सुशील कुमार की अंतिम विदाई यानि अंतेष्टि तक जारी रहा. सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से सुशील कुमार को आसुंओं ने विदाई दी.
पाकिस्तान की नापाक हरकतें आये दिन कई घरों के चिराग बुझा रही है. लेकिन जज्बा देखिए, अपने एक साथी की शहादत से गुस्साए सुशील ने पत्नी से कहा था कि उसके लिए ड्यूटी त्योहार से ज्यादा प्यारी है. दीवाली तो वह आए दिन सरहद पर मनाते है. शहीद हेड कांस्टेबल की कहानी यहीं पर ख़त्म नहीं हो जाती. देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुरबान करने वाले इस जांबाज सिपाही का सपना था कि उसका बेटा बड़ा होकर सेना का बड़ा अधिकारी बने और देश की रक्षा करे.
शहीद हेड कांस्टेबल सुशील कुमार पिछले 24 सालों से बीएसएफ में कार्यरत थे. लगभग डेढ़ साल पहले उनका तबादला छत्तीसगढ़ से जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में हुआ था. सोमवार सुबह उनको गोली लगी थी जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी शहादत से एक ओर जहां परिवार को गहरा सदमा लगा है वहीं उनकी मौत पर फख्र भी है. वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए हैं. घर में उनकी बुजुर्ग मां भी हैं.