
PoK में भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के लॉन्च पैड पर किए गए सर्जिकल ऑपरेशन से जुड़े कुछ नए तथ्य सामने आए हैं. कुछ नेताओं की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगे जाने के बाद 'आज तक' के हाथ कुछ खुफिया जानकारी लगी है. जिसमें बताया गया है कि कैसे पैरा कमांडो ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
ऐसे हुआ था ऑपरेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऑपरेशन की मंजूरी मिलने के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने उत्तरी कमान के तहत तैनात विशेष बलों की इकाइयों को सक्रिय किया. इस काम के लिए दो
यूनिट को चुना गया. इनमें ऊधमपुर स्थित 9 पैरा कमांडो और 4 पैरा कमांडो शामिल थीं.
आतंकवादी लॉन्च पैड पर हमले के लिए बेहतरीन 'हमलावर सैनिकों' को चुना गया. इस गुप्त हमले पर नियंत्रण रेखा के पास स्थित उरी, पुंछ और भिंभेर सेक्टर की स्थानीय खुफिया इकाइयों की नजर थी.
विशेष बलों के दस्ते में चार हमलावर टीमें थी जिनमें लगभग 100 सैनिक शामिल थे. इनमें से तीन हमलावर टीम थी और एक हथियारबंद टीम थी जिसके सभी फौजी भारी हथियारों को चलाने में निपुण थे. भारी हथियारों में आग के गोले फेंकने वाले RPO7, आतंकियों से हथियाई गई पीके मशीन गन और रॉकेट लॉन्चर शामिल थे.
9 और 4 पैरा कमांडो की इन टीमों को 12-12 फौजियों की टीमों में बांट दिया गया था. इन छोटी टीमों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रात के अंधेरे में केल, तुतमारी गली, नंगी टेकरी और बालनोई पोस्ट से भेजा गया था.
इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना का ध्यान हटाने के लिए सेना के विशेष बलों ने पाकिस्तानी चौकियों पर गोलाबारी कर पैरा कमांडो को कवर दिया. आतंकियों के 'वेटिंग सेक्शन' कहे जाने वाले लॉन्च पैड को तबाह करने के लिए कमांडो ने आधी रात को अपना सफर शुरू किया. नाइट विजन डिवाइस का इस्तेमाल करके कंमाडो ने जंगल के रास्ते आतंकी लॉन्च पैड की ओर बढ़ना शुरू किया.
ऐसे तबाह किए गए लॉन्च पैड
जब कमांडो आतंकियों के लॉन्च पैड कहे जाने वाले गांव पहुंचे आग के गोले फेंक उन्होंने इमारतों को तहस-नहस कर दिया. चार घंटे के इस ऑपरेशन में तकरीबन चार
से पांच लॉन्चपैड पर हमला किया गया और कई लोग इस हमले में मारे गए जिनकी संख्या 50 के करीब आंकी जा रही है. ऑपरेशन खत्म होने के बाद कमांडो ने
वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी दी उन्होंने फौजियों को वापस आने के लिए वो रास्ते इस्तेमाल करने को कहा जहां से आतंकी घुसपैठ किया करते थे. जब कमांडो
वापस आ गए तब उन्हें ऑपरेशन की पूरी जानकारी देने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए ऊधमपुर ले जाया गया.
सूत्रों का दावा है कि सरकार स्थिति को ख़राब नहीं करना चाहती जिससे युद्ध के हालात पैदा हो. इतना ही नहीं सरकार पाकिस्तान में पनपी अस्थिरता को देखते हुए हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहती है.