Advertisement

एनकाउंटर पर SC की गाइडलाइंस, जांच हुई तो क्या खरी उतरेगी तेलंगाना पुलिस?

सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर पर गाइडलाइंस जारी की थी. बता दें कि हैदराबाद में लेडी डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के बाद शव को जला देने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. हालांकि,  पुलिस के इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में शुक्रवार तड़के हुई इस मुठभेड़ की जांच हुई तो क्या खरी उतरेगी तेलंगाना पुलिस.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 06 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर पर गाइडलाइंस जारी की थी. बता दें कि हैदराबाद में लेडी डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के बाद शव को जला देने वाले चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया है. शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच-44 पर पुलिस के साथ मुठभेड़ में आरोपियों को ढेर कर दिया गया. हालांकि, पुलिस के इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में शुक्रवार तड़के हुई इस मुठभेड़ की जांच हुई तो क्या खरी उतरेगी तेलंगाना पुलिस?

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट से जारी इस गाइडलाइंस में मुख्य बिंदु इस तरह हैं-

  • एनकाउंटर के बाद मामले की एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज की जाएगी जो इलाके से संबंधित कोर्ट में भेजी जाएगी.
  • मुठभेड़ की जांच राज्य की सीआईडी, दूसरे पुलिस स्टेशन या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी, जो पूरी तरह साइंटिफिक और पारदर्शी होगी. जांच अच्छी तरह दस्तावेजों पर आधारित होगी और जांच एजेंसी निर्णायक जांच रिपोर्ट तैयार करेगी.
  • ये जांच कम से कम एसपी रैंक का अधिकारी करेगा.
  • एनकाउंटर से पहले पुलिस टीम को किस तरह या किस जरिए से सुराग या जानकारी मिली, ये सब पुलिस डायरी में विस्तार से दर्ज करना होगा या फिर किसी डिजिटल फॉर्म में ये सब दर्ज होगा.
  • अगर किसी हाई अथॉरिटी से सूचना मिली हो, तो वो भी रिपोर्ट में दर्ज होनी चाहिए.
  • एनकाउंटर में जख्मी लोगों को जल्द से जल्द मेडकिल सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
  •  एनकाउंटर के बाद इसकी मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी. जांच रिपोर्ट इलाके के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी.
  • एनकाउंटर में इस्तेमाल हथियारों को पुलिस टीम सील कर जांच के लिए फोरेंसिक और बैलेस्टिक लैब भेजेगी.
  • मुठभेड़ में मारे गए लोगों के पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों की टीम होगी. मुमकिन हो तो टीम का एक सदस्य जिला अस्पताल का हेड डॉक्टर हो.
  • जब तक जांच पूरी नहीं होती और रिपोर्ट नहीं आ जाती एनकाउंटर में शामिल पुलिस टीम के सदस्यों को बरी से पहले तरक्की नहीं दी जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement