
आम चुनाव 2014 से पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी ने वादा किया कि सत्ता में आने के बाद वह विदेशी बैंकों में जमा कालाधन धन वापस लेकर आएंगे. अब मोदी सरकार सत्ता में अपना कार्यकाल पूरा कर रही है, लेकिन विदेश से कालेधन के सवाल पर सरकार के पास जवाब नहीं है. अब विदेश से कालाधन वापस लाने का मुद्दा पाकिस्तान में उठाया गया है, लेकिन भारत से उलट यह वादा पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार बनाने के बाद किया जा रहा है.
पड़ोसी देश पाकिस्तान में हाल में हुए चुनावों के बाद तहरीक-ए-पाकिस्तान की इमरान सरकार बनी है. पूर्व क्रिकेट स्टार इमरान खान प्रधानमंत्री हैं और असद उमर पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हैं. असद उमर ने सरकार बनने के बाद दावा किया है कि मौजूदा समय में पाकिस्तान का लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये पाकिस्तानी नागरिकों के नाम पर विदेशी बैंकों और टैक्स हैवन में पड़ा है. असद ने वादा किया है कि यह इमरान सरकार की प्राथमिकता है कि वह जल्द से जल्द विदेशी बैंकों से इस पैसे को पाकिस्तान लाए और पाकिस्तान के विकास में खर्च करे.
गौरतलब है कि 2014 के आम चुनावों से पहले नरेन्द्र मोदी ने भी दावा किया था कि विदेशी बैंकों में भारतीय नागरिकों का लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये कालाधान छिपा है. इस दावे के साथ मोदी ने वादा किया कि सरकार बनने के बाद यह उनकी प्राथमिकता होगी कि विदेश में जमा पूरा कालाधन वापस लाया जाएगा और देश के विकास पर खर्च किया जाएगा. ऐसे में क्या पाकिस्तान में इमरान सरकार अपनी जनता के साथ ठीक वैसा संवाद करने की कोशिश कर रही है जैसा भारत में प्रधानमंत्री मोदी ने करते हुए देश में अपनी लोकप्रियता में बड़ा इजाफा किया है.
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पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने माना कि फिलहाल उन्हें या उनकी सरकार को यह नहीं पता कि पाकिस्तानी नागरिकों का कितना कालाधन विदेशी बैंकों में पड़ा है. हालांकि दुबई रियल एस्टेट अथॉरिटी का हवाला देते हुए उमर ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों का लगभग 1400 करोड़ रुपया दुबई के रियल एस्टेट में गैरकानूनी ढंग से निवेश किया गया है. लिहाजा इस पैसे समेत विदेश में पड़े कालेधन की एक-एक पाई वापस लाई जाएगी.
दोनों ही देशों के कालेधन के मुद्दे पर एक और खास बात है. मोदी सरकार ने मई 2014 में कमान संभालने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए स्पेशन इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया. अब 2018 में इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार की बागडोर संभालने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में टास्क फोर्स का गठन करते हुए उसे जिम्मेदारी दे दी है कि वह दशकों से भ्रष्टाचार के जरिए एकत्र किए गए पैसे की गणना करे और उसे वापस पाकिस्तान लाने का रास्ता तैयार करे. गौरतलब है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में वित्त मंत्री इशाक धर ने पाकिस्तानी संसद में दावा किया था कि पाकिस्तानी नागरिकों का ढाई लाख करोड़ रुपये टैक्स चोरी के साथ विदेशी बैंकों में जमा है.
बहरहाल, अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान में यह कवायद महज इमरान खान की लोकप्रियता में इजाफा करने के लिए है फिर वाकई इमरान सरकार पाकिस्तान को दशकों के भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकालने की कवायद कर रही है.