
राज्यसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक की राजनीति में हर रोज नया मोड़ ले रहा है. अब जेडीएस उम्मीदवार बी एम फारूक ने कांग्रेस पर निर्दलीय विधायकों को पैसों की लालच देने का आरोप लगाया है.
निर्दलीय विधायक ने बदला पाला
दरअसल जेडीएस उम्मीदवार बी एम फारूक के नामांकन पेपर के मुताबिक उन्हें निर्दलीय विधायक पी राजीव समेत 10 निर्दलीय विधायकों समर्थन प्राप्त है. कर्नाटक विधानसभा की वेबसाइट पर निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर किए हुए समर्थन पत्र की कॉपी भी मौजूद है. लेकिन अब इन विधायकों में से एक पी राजीव ने अपने सुर बदल लिए हैं.
निर्दलीय विधायक से 'आज तक' ने की बातचीत
पी राजीव अब अपना वोट कांग्रेस उम्मीदवार को देने की बात कह रहे हैं. यही नहीं, उनका दावा है कि सभी निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं. जेडीएस उम्मीदवार को समर्थन की बात से वो इंकार कर रहे हैं. निर्दलीय विधायक पी राजीव ने 'आज तक' से बातचीत में कहा, 'हमने जेडीएस को समर्थन को लेकर बॉन्ड नहीं भरा है, ये मेरा अधिकार है कि मैं अपना मत किसको दूं. फिलहाल सबकुछ गोपनीय है और इसका खुलासा 9 जून के बाद होगा'.
सीएम से मुलाकात के बाद बदले खेल
इन सबके बीच पिछले दिनों कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया की निर्दलीय विधायक पी राजीव से मुलाकात हुई. जिसके बाद से ही राजीव के सुर बदल गए हैं. पी राजीव ने कहा, 'सीएम ने उनके विधानसभा के लिए अलग से फंड देने का वादा किया है. हमने जो उनके सामने मांगे रखी वो उन्होंने मंजूर कर लिया. इसलिए अब हमने अपना फैसला बदला'.
कांग्रेस ने आरोपों को नकारा
वहीं जेडीएस के आरोपों का जवाब देते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि निर्दलीय विधायक से सीएम की मुलाकात में कोई गलत बात नहीं है, कांग्रेस ने राजीव को किसी तरह से घूस देने पेशकश नहीं की. ये उनका अधिकार है वो अपना वोट किसे दें. लेकिन जेडीएस उम्मीदवार का साफ कहना है कि कांग्रेस से धन का लालच देकर निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश की है. जो कि चुनाव नियम का सीधा उल्लघंन है और इसमें सीएम का सीधा हाथ है.
गौरतलब है कि 30 मई को कर्नाटक के 10 निर्दलीय विधायकों ने जेडीएस उम्मीदवार बी एम फारूक को लिखित में समर्थन दिया था, इसके लिए विधायकों एक प्रपोजल पर हस्ताक्षर भी किया था. लेकिन अब निर्दलीय विधायक अपने बयान से पलट रहे हैं और कांग्रेस के साथ जाने के संकेत दे रहे हैं. अब इनका वोट किसको जाएगा से 11 जून के बाद ही पता चल पाएगा.