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SCO समिट में फिर आमने-सामने होंगे IND-PAK, बातचीत के आसार कम

सोची समिट से पहले विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत शंघाई सहयोग संगठन के देशों के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है और वह इसी वर्ष जून में इस संगठन का पूर्णकालिक सदस्य बना है. हम संगठन के देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को विशेष स्थान देते हैं.

30 नवंबर से रूस के सोची में होगी समिट 30 नवंबर से रूस के सोची में होगी समिट
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस बीच शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (SCO) में दोनों मुल्कों के नेताओं का आमना-सामना हो सकता है. रूस के सोची में 30 नवंबर और 1 दिसंबर को समिट का आयोजन होना है. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिट से अलग दोनों देशों के भी कोई बातचीत की उम्मीद नहीं है.  

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भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सम्मेलन में हिस्सा लेंगी लेकिन पाकिस्तान ने अभी अपने नेता का नाम उजागर नहीं किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ इस समिट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. सुषमा स्वराज 29 नवंबर को सोची पहुंचेंगी और 30 नवंबर को द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगी. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग समिट में अपने दल का प्रतिनिधित्व करेंगे.

भारत कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की राह पर है. साथ ही चाहता है कि पाकिस्तान जेल में बंद जाधव को पत्नी और मां से मिलने की इजाजत दे. दोनों ही देश शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन के पूर्णकालिक सदस्य हैं. भारत को रूस का मजबूत सहयोग है तो वहीं पाकिस्तान की सदस्यता चीन के समर्थन के बाद मुमकिन हो पाई है. साल 2005 से भारत SCO का पर्यवेक्षक है. आमतौर पर भारत के प्रतिनिधि समिट के दौरान द्विपक्षीय वार्ताओं में हिस्सा लेते हैं.

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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए समिट में सबसे बड़ा मुद्दा होगा. मुमकिन है कि भारत-पाकिस्तान समेत ग्रुप के अन्य 6 देश मिलकर आतंक के खिलाफ साझा प्रयास करेंगे. साल की शुरुआत में अस्ताना SCO समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी आतंकवाद को मानवता के लिए एक बड़ा खतरा बताते हुए कह चुके हैं कि आतंकवाद और अतिवाद को परास्त करने के लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है.

सोची समिट से पहले विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत शंघाई सहयोग संगठन के देशों के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है और वह इसी वर्ष जून में इस संगठन का पूर्णकालिक सदस्य बना है. हम संगठन के देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को विशेष स्थान देते हैं.

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