
पाकिस्तान की बाचा खान यूनिवर्सिटी में बुधवार को हुए आतंकवादी हमले में 25 लोगों की मौत हो गई थी. दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आंतकी हमले की तर्ज पर हुए इस हमले ने पाकिस्तान को एक बार फिर हिला कर रख दिया. आतंक को पनाह देने को लेकर अपने गिरेबान में झांकने की बजाए पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा दिया है.
पाकिस्तान के पूर्व इंटीरियर मिनिस्टर रहमान मलिक ने चारसदा की बाचा खान यूनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार भारत को ठहरा दिया. जबकि पाकिस्तानी तालिबान खुद इस हमले की जिम्मेदारी ले चुका है. हालांकि बाद में तालिबान ने इस हमले के पीछे हाथ होने की बात से इनकार कर दिया था.
मलिक ने बताया पर्रिकर का हाथ
मलिक ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, 'हमें भारत के रक्षा मंत्री की धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. बाचा खान यूनिवर्सिटी पर हुए हमले के पीछे भारतीय एजेंसी रॉ(RAW) का हाथ है. वो तहरीक-ए-तालिबान के साथ मिल गए हैं.' मलिक ने कहा, 'जो भारत के रक्षा मंत्री ने कहा, उनकी हिम्मत कैसे हुई ये कहने की. हम कहते हैं कि बाचा यूनिवर्सिटी हमला उन्होंने करवाया है.'
मलिक ने कहा, 'पठानकोट एयरबेस हमले में जैश-ए-मोहम्मद शामिल नहीं है और इस तरह के हमले भारत के लोग ही करते हैं. भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ नहीं चाहती कि पाकिस्तान और भारत के संबंध सुधरें. जब भी मोदी सरकार ने बातचीत की कोशिश की है, रॉ ने इस तरह के कदम उठाए हैं.'
पर्रिकर ने दिया था बयान
पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जयपुर में कहा था कि देश अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और वो खुद बतौर रक्षा मंत्री इसे नहीं सहेंगे. पर्रिकर ने कहा, 'आतंकवादी हमलों को लेकर देश की सहनशीलता खत्म हो चुकी है और एक रक्षा मंत्री होने के नाते मेरी भी सहनशक्ति खत्म हो गई है. इसके लिए हम कुछ करेंगे, आप देखते रहिए.' पर्रिकर ने ये भी कहा था कि जब तक पाकिस्तान खुद अपनों को खोने का दर्द महसूस नहीं करता, उसे हमारा दर्द समझ नहीं आएगा.
बयान से पलटा तालिबान
बाचा खान यूनिवर्सिटी में बुधवार को कुछ आतंकवादियों ने घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में करीब 10 धमाके भी किए गए. इस हमले में कुछ छात्रों और प्रोफेसर सहित 25 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हमले के दिन ही तहरीक-ए-तालिबान के सीनियर कमांडर ने इसकी जिम्मेदारी ली लेकिन बाद में इसके प्रवक्ता ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया.