
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले सप्ताह भारत आ रहे हैं. इस दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. भारत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की ओर कदम बढ़ाएगा. नेतन्याहू के इस दौरे पर भारत इस्रायल से टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल एटीजीएम स्पाइक खरीदने पर विचार कर रहा है. यह खरीद सरकार-से-सरकार के स्तर पर होगी.
मित्र मोदी के लिए क्या गिफ्ट लाएंगे नेतन्याहू
इससे पहले जब मोदी इजरायल के दौरे पर गए थे तो वहां के प्रधानमंत्री वेंजामिन नेतन्याहू के साथ अच्छी बॉन्डिंग दिखी थी. ये खबरें भी हैं कि अपनी भारत यात्रा में वे प्रधानमंत्री मोदी के लिए खास गिफ्ट ला सकते हैं. नेतन्याहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तोहफे के तौर पर समंदर के पानी को स्वच्ठ करने वाली गाड़ी दे सकते हैं. इजरायल में दोनो नेता समंदर तट पर गए थे और समंदर का साफ किया पानी पीएम मोदी को पिलाया था.
तो क्या ये गाड़ी लाएंगे नेत्यानयाहू अपनी भारत यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी के लिए खास गिफ्ट.
ये समंदर के पानी को भी स्वच्छ करने वाली गाड़ी है.
आपको बता दें कि कुछ महीने पहले भारत इस्राइल की एक कंपनी से हथियार खरीदने का सौदा किया था, लेकिन उसके रद्द होने की बात सामने आई थी. अब मूल प्रस्ताव के अनुसार भारत के द्वारा 50 करोड़ डॉलर की लागत से सेना के लिये एटीजीएम खरीदने की योजना बनाई जा रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार अब सरकार-से-सरकार के स्तर पर इस्राइल से मिसाइल की खरीद पर गौर कर रही है.
यह डील भी उसी तरीके का होगी जैसे फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदने का सौदा किया गया था. आपको बता दें कि फ्रांस से ये डील 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने नई दिल्ली में साइन की थी. भारत सरकार ने 59,000 करोड़ की फ्रांस से डील की थी. डील के मुताबिक, 36 राफेल फाइटर जेट विमान मिलने हैं. पहला विमान सितंबर 2019 तक मिलने की उम्मीद है और बाकी के विमान बीच-बीच में 2022 तक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
भारत और इस्रायल के रक्षा संबंध तो पहले ही अच्छे थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल हुए इस्राइल के दौरे से और भी बेहतर हो गए हैं. नेतन्याहू की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध में और प्रगाढ़ता आने की उम्मीद की जा रही है.