
अहमदाबाद से महज 70 किमी. की दूरी पर एक किसान ने इजरायली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ऐसा कमाल किया है कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतनयाहू 17 जनवरी को उसके खेत को देखने जा रहे हैं.
हिमंतनगर के प्रातिज तहसील के वदराड गांव में कृषि क्षेत्र में भारत और इजरायल के जॉइंट टेक्नोलॉजी के लिए हुए एमओयू के तहत यह सेंटर बनाया गया है. इसमें सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल को लेकर किसानों को कम मेहनत में ज्यादा कमाई, अच्छी फसल और उत्पादन में गुणवत्ता को सिखाया जाता है.
17 जनवरी को है दौरा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतनयाहू 17 जनवरी को गुजरात आएंगे. इस दौरे को लेकर मंगलवार को गुजरात सरकार के चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग हुई जिसमें दोनों देश के प्रधानमंत्रियों में होने वाली मीटिंग और इसकी सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई.
होगा रोड शो का आयोजन
सूत्रों के अनुसार मुताबिक जिस तरह से जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोड शो किया था, उसी तरह से इजरायली प्रधानमंत्री के साथ भी रोड शो किया जाएगा. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों के पांरपारिक नृत्य वाले मंच तैयार होंगे. साथ ही, दोनों ही देश के प्रधानमंत्री साबरमती गांधी आश्रम, साबरकांठा के वदरडा में हॉर्टीकल्चर फॉर्म का दौरा भी करेंगे. इस दौरे में कृषि क्षेत्र के कई एमओयू साइन होंगे.
सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल सीखने के बाद यहीं का एक किसान एक साल में 50 लाख की आमदनी करने लगा है, जबकि एक दूसरा किसान जिसने नर्सरी की, उसका सालाना टर्न ओवर डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यहा के किसानों के मुताबिक यहां से मिले बीज से जो फसल तैयार हो रही है, वह आधे वक्त में हो जाती है. आमतौर एक फसल तैयार होने में तीन से चार महीने लगते हैं, लेकिन इस बीज से समय काफी बचता है, जिसके चलते साल में पांच से छह बार अपने खेतो में फसल हो रही है.
सब्जियों में सब से ज्यादा किसानों को फायदा बैंगन, मिर्च, टमाटर, करेला, पत्ता गोभी, फूल गोभी और कलर केप्सीकम में हो रहा है. समीर पटेल नामके बीएससी किए ग्रेज्युएट ने अपनी 20 बीघा जमीन में ऐक्सिलेंस सेंटर की मदद से 300 बीघा जमीन किराये पर लेकर खेती की और एक साल में 50 लाख से ज्यादा कमाई की. उन्होंने पूरी जानकारी की कि यहां कौन-सी फसल को कितना पानी देना है, किस तरहा से उसे बड़ा करना है. साथ ही वह दूसरे किसानों के लिए आदर्श भी बन रहे हैं. किसान उनके पास सीखने के लिए आ रहे हैं.