
मुंबई में इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 में देश और दुनिया की दिग्गज शख्सियतों का वैचारिक मंथन जारी है. इस कॉनक्लेव के जरिए एक बार फिर दुनियाभर से खास शख्सियतें एक मंच पर आ रही हैं. देखें लाइव प्रसारण
INDIA TODAY CONCLAVE 2017 LIVE अपडेट्स:
-Globalisation in the Age of Protection: The Balance of Interests विषय पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी से चर्चा
अमित शाह का KEY NOTE भाषण
-यूपी में शपथ ग्रहण के फौरन बाद बूचड़खाने बंद होंगे: अमित शाह
-सियासी चंदे में कालेधन पर लगाम जरूरी: अमित शाह
-नोटबंदी काले धन के खिलाफ मुहिम में एक कदम: अमित शाह
-मोदी के साथ आदर्श रिश्ता: अमित शाह
-शिवसेना से जारी रहेगा गठबंधन: अमित शाह
-केजरीवाल को कोई देश में सुनता नहीं: अमित शाह
-ईवीएम में धांधली के आरोप बेबुनियाद: अमित शाह
-2019 में बीजेपी फिर जीतेगी: अमित शाह
-मीडिया ने सरकार के उठाए कदमों की सकारात्मक कवरेज नहीं की: अमित शाह
-हमने सियासत को काले पैसे से मुक्त करने के लिए कदम उठाए: अमित शाह
-हमने निर्णायक, पारदर्शी और ईमानदार सरकार दी है: अमित शाह
-एक साथ चुनाव करवाने के प्रस्ताव पर सहयोग करे विपक्ष: अमित शाह
-बार-बार चुनाव से देश को फायदा नहीं: अमित शाह
-अब 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी: अमित शाह
-यूपी के अगले सीएम के सवाल को टाल गए अमित शाह
-जनादेश नोटबंदी पर मुहर: अमित शाह
-यूपी को BIMARU राज्यों की श्रेणी से निकालेंगे: अमित शाह
-राहुल का सलाहकार बनने का काम कभी नहीं करूंगा: अमित शाह
-कांग्रेस ने गोवा में दावा ही पेश नहीं किया: अमित शाह
-मणिपुर में सरकार बनने के बाद देश के हर कोने में पहुंची बीजेपी: शाह
-ऐसा कभी नहीं कहा कि मुस्लिमों के वोट नहीं चाहिए: शाह
-जातिवाद, तुष्टिकरण, वंशवाद की सियासत अब नहीं चलेगी: अमित शाह
-सियासी पंडितों की भाषा बदलने वाला जनादेश: अमित शाह
-मोदी की नीतियों, कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिली जीत: अमित शाह
-जीत का भरोसा था: अमित शाह
-अमित शाह के भाषण का विषय: 'The One to Beat: New Pole of Indian Politics
-सेटेलाइट लिंक के जरिये अमित शाह का की-नोट भाषण
अनुष्का शर्मा का संबोधन
-भूतों में यकीन करती हूं: अनुष्का
-रूमी मेरे पसंदीदा कवि: अनुष्का
-मेरे भरोसे को कोई नहीं तोड़ सकता: अनुष्का
-एक्टर सूरज शर्मा के साथ अनुष्का का सेशन जारी
-अपनी राह चुनना मां-बाप ने सिखाया: अनुष्का
-हमेशा प्रोड्यूसर बनना चाहती थी, लेकिन इंडस्ट्री से बढ़ावा नहीं मिला: अनुष्का
-करियर की शुरुआत में चुनौतियों का सामना किया: अनुष्का
- 'Settle for More: Taking the Centrestage' विषय पर अनुष्का शर्मा का संबोधन
Session 10: The Disruptors: Technology And Opportunity
-भारत में सेल्फ ड्राइव कारें अभी हकीकत नहीं बनेंगी: मूर्ति
-स्किल इंडिया विकास के लिए अहम: गोयंका
-सोशल मीडिया में मार्केटिंग की बड़ी क्षमता: अनन्या बिरला
-पिता को ट्विटर पर लाने की कोशिश कर रही हूं: अनन्या बिरला
-ई-कॉमर्स है भविष्य: शाश्वत गोयंका
-इलेक्ट्रिक कारें नहीं इको-फ्रेंडली: मानसी
-चर्चा में स्वतंत्र माइक्रोफाइनेंस की संस्थापक अनन्या बिरला, हिंदुस्तान पावर प्रोेजेक्ट लिमिटेड के रतुल पुरी, किर्लोस्कर सिस्टम्स की कार्यकारी निदेशक मानसी किर्लोस्कर, स्पेंसर रिटेल लिमिटेड के सेक्टर हेड शाश्वत गोयंका शामिल
-मशीनों पर भरोसा नहीं कर सकते इंसान: मूर्ति
-सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बदल रहे हैं तरक्की की तस्वीर: मूर्ति
- मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के संस्थापक रोहन मूर्ति कर रहे हैं सत्र को संबोधित
-अगले सत्र का विषय 'THE DISRUPTORS: TECHNOLOGY AND OPPORTUNITY
Session 9: Heart To Heart: Being the Best You: Finding the Champion Within
-पैरा ओलंपिक खेलों को बढ़ावा मिलना जरूरी: दीपा मलिक
-देश में प्रतिभा की कमी नहीं: अभिनव बिंद्रा
-2024 के ओलंपिक खेलों की तैयारी अभी से शुरू करनी चाहिए: अभिनव बिंद्रा
-अपने करियर में कोई मलाल नहीं: अभिनव बिंद्रा
-बिस्तर पर दम तोड़ना मंजूर नहीं था: दीपा मलिक
-समाज ने कदम-कदम पर उठाए काबिलियत पर सवाल: दीपा मलिक
-सहयोगी खिलाड़ी ने लगाए थे धोखेबाजी के आरोप, हाईकोर्ट में की थी अपील: दीपा मलिक
-पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को नहीं मिलता बराबरी का सम्मान: दीपा मलिक
-रियो ओलंपिक में अपनी कमजोरी के चलते पदक से चूका: अभिनव बिंद्रा
-अपनी आत्मा को विकलांग नहीं होने दिया: दीपा मलिक
-डॉक्टरों ने ट्यूमर का पता लगने के बाद कहा था कि आप कभी चल नहीं पाएंगी: दीपा मलिक
-'Heart To Heart: Being the Best You: Finding the Champion Within' विषय पर चर्चा करेंगे ओलंपियन अभिनव बिंद्रा और पैरा-ओलंपिक एथलीट दीपा मलिक
'Such A Long Innings: Politics, Power, Office' विषय पर राष्ट्रपति का भाषण
-मैं कोई विरासत नहीं छोड़ना चाहता: प्रणब मुखर्जी
-राष्ट्रपति ने रवींद्रनाथ टैगोर की कविता के साथ खत्म किया भाषण
-लोकतंत्र की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए संस्थाओं को काम करना होगा: प्रणब मुखर्जी
-भारत का पहल बजट 397 करोड़ रूपये का था, आज के बजट का आकार 17 लाख करोड़ रूपये है. फिर भी बजट पर अब चर्चा का वक्त कम हुआ: प्रणब मुखर्जी
-संसद में कामकाज के दिन कम हो रहे हैं: प्रणब मुखर्जी
-संसद में शोर-शराबे की संस्कृति बंद होनी चाहिए: प्रणब मुखर्जी
-ऊंचे ओहदे जनता की सेवा का मौका हैं: प्रणब मुखर्जी
-कश्मीर के समाधान में वाजपेयी के रवैये से ले सकते हैं सबक: प्रणब मुखर्जी
-वाजपेयी अपने साथ काम करने वाले लोगों की कद्र करना जानते थे: प्रणब मुखर्जी
-राज करने के लिए बहुमत नहीं, सर्वमत चाहिए: प्रणब मुखर्जी
-राज्य की सत्ता से आने के बाद पीएम मोदी ने खुद को नये रोल में बखूबी ढाला: प्रणब मुखर्जी
-मनमोहन सिंह ने मंत्रियों को दी थी काम करने की छूट: प्रणब मुखर्जी
-राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद सार्वजनिक जीवन से संन्यास लूंगा: प्रणब मुखर्जी
-पीएम को लोगों से मिलती है ताकत, सवाल ये है कि इस ताकत का इस्तेमाल कैसे होता है: प्रणब मुखर्जी
-ताकत के लिए इस्तेमाल में सबसे असरदार PM थीं इंदिरा: प्रणब मुखर्जी
-इंदिरा गांधी ने 1971 की जंग में कामयाब डिप्लोमेटिक मुहिम का संचालन किया: प्रणब मुखर्जी
-आज दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश है भारत: प्रणब मुखर्जी
-अपने दम पर आगे बढ़ा भारत: प्रणब मुखर्जी
-कभी खाद्य संकट झेलने वाला भारत आज अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में एक है: प्रणब मुखर्जी
-सरदार पटेल ने देश को जोड़ने का काम किया: प्रणब मुखर्जी
-भारत में संसदीय लोकतंत्र के जनक थे नेहरू: प्रणब मुखर्जी
-नेहरू ने देश को लोकतंत्र के रास्ते पर डालकर बड़ा जोखिम लिया था: प्रणब मुखर्जी
-हमारी पीढ़ी पर नेहरू का गहरा असर रहा: प्रणब मुखर्जी
-बतौर टीचर किया था करियर का आगाज: प्रणब मुखर्जी
-मैंने सियासत में लंबी पारी खेली है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
-राष्ट्रपति के संबोधन का विषय 'Such A Long Innings: Politics, Power, Office
Session 8: The Great Debate: A Million Mutinies: What Makes an Indian
-भारत आध्यात्मिक नहीं, संवैधानिक लोकतंत्र: दीपांकर गुप्ता
-देशविरोधी नारे लगाने वालों का ह्रदय परिवर्तन करेंगे: सहस्त्रबुद्धे
-अलगाववादी आंदोलन के बावजूद भारत में बना रहा तमिलनाडु: टी एम कृष्णा
-BREXIT जैसे जनमत संग्रहों के लिए तैयार नहीं भारत: लोन
-अल्पसंख्यकों की आवाज सिस्टम का हिस्सा नहीं: ओवैसी
-खबरों में हो रही विचारधारा की मिलावट: सहस्त्रबुद्धे
-कमजोर तबकों के मसले उठाने में नाकाम हो रहा है मीडिया: थोराट
-सत्ता को चुनौती देने वाली आवाज दबाई जाती है: ओवैसी
-भारत में पूरी धार्मिक स्वतंत्रता: सहस्त्रबुद्धे
-सिर्फ अंकों का गणित नहीं है लोकतंत्र: दीपांकर गुप्ता
-'आध्यात्मिक लोकतंत्र' का अहम हिस्सा है हिंदुत्व: सहस्त्रबुद्धे
-जूनियर मोदी बनकर नहीं, मेहनत से मोदी को हराया जा सकता है: ओवैसी
-कश्मीर में मोदी सरकार की नीति से संतुष्ट: सज्जाद लोन
-यूपी में मुस्लिमों ने नहीं दिया बीजेपी को वोट: ओवैसी
-देश में सियासी वारिसों का दौर खत्म: ओवैसी
-यूपी में अल्पसंख्यकों को अपनी सियासत पर पुनर्विचार की जरूरत: दीपांकर
-भारत एक गतिशील लोकतंत्र: सहस्त्रबुद्धे
-यूपी में कब्रिस्तान पर श्मशान जीता: ओवैसी
-चर्चा में असदुद्दीन ओवैसी, सज्जाद लोन, दीपांकर गुप्ता, सुखदेव थोराट, टी एम कृष्णा, विनय सहस्त्रबुद्धे हो रहे शरीक
-अगले सत्र में The Great Debate: A Million Mutinies: What Makes an Indian विषय पर चर्चा
Session 7: Cinelogue: India/Pakistan Filming The Other
-मजहब नहीं, क्रिकेट देश को जोड़ता है: कल्कि
-पाकिस्तान में नेता, धार्मिक गुरु निजी स्वतंत्रता पर हावी: कल्कि
-आतंकवाद से खौफजदा हैं आम पाकिस्तानी: कल्कि
-कल्कि ने पढ़ा पाकिस्तानी फिल्म मेकर सबीहा सुमर का संदेश
-कॉनक्लेव में सबीहा सुमर की फिल्म 'आजमाइश' का प्रीमियर
-मैं सुपरस्टार नहीं 'चिन्ना' स्टार: कल्कि
-चर्चा में एक्टर कल्कि कोचलीन हो रही हैं शरीक
-कॉनक्लेव के अगले सत्र में 'Cinelogue: India/Pakistan Filming The Other' विषय पर चर्चा
Session 6: Heart to Heart: Dear America: Notes From an Immigrant
-गांधी ने मुझे पहचान दी: अहलूवालिया
-न्यूयॉर्क में महफूज महसूस करता हूं: अहलूवालिया
- न्यूयॉर्क में मनाया जाता है वारिस अहलूवालिया डे
-पुरानी है नफरत की सियासत: अहलूवालिया
-मेक्सिको में हवाई अड्डे पर पगड़ी उतारने के लिए कहा गया: अहलूवालिया
-अनजान का भय पैदा करता है समाज में नफरत: अहलूवालिया
-भारत के सभी धर्म इंसानियत सिखाते हैं: अहलूवालिया
-बराबरी की बात करने वाले धर्म से ताल्लुक रखना फख्र की बात: अहलूवालिया
-सत्र के मुख्य अतिथि हैं डिजाइनर और एक्टर वारिस अहलूवालिया
- कॉनक्लेव के अगले सत्र का विषय- Heart to Heart: Dear America: Notes From an Immigrant
Session 5: The New Faultlines:Global Economy, Local Flux
-ये सरकार जोखिम उठाने के लिए तैयार है: महिंद्रा
-विकास की कहानियों को तवज्जो दें पत्रकार: कांत
-श्रम, भूमि सुधारों के बिना उत्पादन क्षेत्र में तेजी मुमकिन नहीं: कांत
-बिहार में निवेश की काफी संभावनाएं: महिंद्रा
-निर्यात नहीं तो विकास नहीं: कांत
-देश में निर्यात सेक्टर तरक्की की राह पर: कांत
-पेपरवर्क से कठिन हुआ बिजनेस: कांत
-Make in India एक कामयाब मिशन: महिंद्रा
-भारत में Ease of doing business बढ़ाने की जरुरत: महिंद्रा
-महेंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत सत्र के मेहमान
-पांचवें सत्र में 'The New Faultlines:Global Economy, Local Flux' विषय पर चर्चा
-वर्चुअल रिएलिटी फिल्म 'ये बैले' की लॉन्चिंग
-ग्रेट डिसरप्शन पर किताब की लॉन्चिंग