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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017: कोलकाता पहुंचा विचारों का सबसे बड़ा मंच

देश में विचारों का सबसे बड़ा मंच इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सजा है. इस कॉन्क्लेव के दूसरे और आखिरी दिन इस मंच पर एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री से लेकर ममता सरकार के खास मंत्री, कारोबारी जगत और फिल्मी कलाकारों समेत कई दिग्गजों ने शिरकत किया. दो दिन के कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017
राहुल मिश्र
  • कोलकाता,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

देश में विचारों का सबसे बड़ा मंच इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सजा. पहले दिन कॉन्क्लेव ईस्ट के मंच से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जिस कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात करती है वह सिर्फ बाते हैं. ममता के मुताबिक मौजूदा समय में केन्द्र और राज्य संबंधों की स्थिति किसी 'सुपर इमरजेंसी' से कम नहीं है.

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पहले दिन की झलकियों में इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी द्वारा कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 का शुभारम्भ शामिल है. अरुण पुरी ने कहा कि देश के 12 पूर्वी राज्य शिक्षा और सभ्यता का प्रमुख केन्द्र होने के साथ-साथ देश की जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान करती है. देश में चल रहे लगभग 8,000 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में कुल 23 फीसदी इन राज्यों में चल रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तर-पूर्वी सेवेन सिस्टर्स शामिल हैं. पुरी के मुताबिक देश के पूर्वी राज्यों के विकास में पश्चिम बंगाल की अहम भूमिका है.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के पहले दिन मंच से संगीतकार सुनीता भुयन, नर्तकी संचिता भट्टाचार्या और संगीतकार बिक्रम घोष ने अपनी जुगलबंदी से समां बांधा. वहीं पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली और पत्नी डोना गांगुली ने कॉन्क्लेव मंच से कई रोचक विषयों पर अपनी बात कही. इसी क्रम में शनिवार को दूसरे दिन इस मंच से दिनभर पूर्वी राज्यों की समस्याओं और उपलब्धियों पर जानी-मानी हस्तियाें ने खुलकर अपना विचार रखे.

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चौदहवां सत्र: द सब्यसाची वुमन ऐट होम विद द वर्ल्ड

इस समापन सत्र में फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी से संवाद किया इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने. सब्यसाची मुखर्जी ने कहा कि इंटरनेट की वजह से क्रिएटिविटी की मांग काफी बढ़ी है. इंटरनेट ने लोगों को कॉन्फिडेंट कंज्यूमर बनाया है.

सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड के बारे में उन्होने कहा कि समाज में मीडियॉकर लोग ज्यादा हैं, इसलिए लोगों को ऑथेंटिक रहना होगा. उन्होंने कहा कि धन का लोकतंत्रीकरण होना चाहिए. फिलहाल भारत दो हिस्सों में बंटा हुआ है. बंगालियों के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी जेब में भले एक पैसा न हो, लेकिन आत्मसम्मान भरपूर होता है.

उन्होंने कहा कि मैं जीरो एम्ब‍िशन का आदमी हूं और जीविका के लिए संघर्ष करता हूं. लेकिन किस प्रेरणा के आधार पर वह इतना काम करते हैं, इस सवाल पर सब्यसाची ने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि उनके पिता को किस तरह से 25 साल की जूट मिल की नौकरी छूटने के बाद कोलकाता में तरह-तरह के काम करने पड़े. उन्होंने कहा, 'एक छोटी सी जगह से कोलकाता आकर जगह बनाने में मुझे काफी स्ट्रगल करना पड़ा है. मैं कई बार डिप्रेस हुआ है, आत्महत्या की भी कोशिश की है. डिप्रेशन नॉर्मल चीज है. जो डिप्रेशन का शि‍कार नहीं होता वो समझि‍ए सेंसिटिव नहीं है.'

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उन्होंने कहा, 'मैं चैरिटी नहीं करता, क्योंकि यह टिकाऊ नहीं होता है, मैं रोजगार पैदा करने में भरोसा करता हूं.'

तेरहवां सत्र: एक्ट ईस्ट-इंडिया ऐज अ सुपरपावर

इस महत्वपूर्ण सत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू से संवाद किया इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने. रिजिजू ने बताया कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के तीव्र विकास के लिए कौन से कदम उठा रही है. उन्होंने इस बात को खारिज किया कि चीन के मोर्चे पर हमारी सरकार विफल रही है. उन्होंने कहा कि हम चीन के साथ दोस्ताना, पड़ोसी का संबंध रखना चाहते हैं, लेकिन मसलों को हल करने में समय लगेगा. सीमा के मसलों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है. पड़ोसी देशों के साथ नीतियों में बदलाव नहीं हुआ तो सीमावर्ती लोगों के जीवन में भी बदलाव नहीं आ पाएगा.

बीफ और फूड हैबिट के बारे में उन्होंने कहा कि इन सब पर इतनी चर्चा करने की जरूरत नहीं है. ऐसी चर्चा करें जिससे देश को फायदा हो. उन्होंने कहा कि हम विविधता में विश्वास करते हैं और यह भारतीय लोकतंत्र की विशेषता है, इसमें विचारों, राजनीति, खानपान सबकी विविधता शामिल है.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी देश के सबसे फिट राजनेता हैं.

उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत की उपेक्षा होती रही है. पूर्वी भारत के विकास के बिना भारत को सुपरपॉवर नहीं बनाया जा सकता. यही नहीं पूर्वी एशिया में भी बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं.

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बारहवां सत्र: लेफ्ट बिहाइंड?-द रोड अहेड

इस सत्र में अर्थशात्री प्रसेनजीत बोस, प्रोफेसर अखिल रंजन दत्ता और माकपा नेता मोइनुल हसन ने शिरकत की. संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया. चर्चा में प्रसेनजीत बोस ने कहा कि वामपंथ अपने रास्ते से भटका है. पिछले कुछ साल में वामपंथ बदलती दुनिया के साथ तालमेल नहीं बना पाया है. मोइनुल हसन ने कहा कि चीन और पश्चिम बंगाल में काफी अंतर है.

प्रोफेसर अखिल रंजन दत्ता ने कहा कि बदलती परस्थतितियों में लगातार लोगों से संवाद बनाए रखने की जरूरत होती है. नई पीढ़ी वामपंथी विचार को नहीं स्वीकार कर पा रही है.

ग्यारहवां सत्र: कटिंग एज फैशन-द ईस्टर्न स्टाइल

पूर्वी भारत के फैशन के बारे में इस अनूठे सत्र में डिजाइनर देव आर नील, डिजाइनर मधु जैन, जूलरी डिजाइनर एइना अहलूवालिया, सुपरमॉडल केथोलेनो केन्सो विहिएनुओ और ज्वैलर राज मथानी ने शिरकत की. संचालन पद्मजा जोशी ने किया.

केथोलेनो केन्सो ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत से मैं एकमात्र मॉडल हूं जो अच्छा कर पा रही है, लेकिन मुझे भी कॉमर्श‍ियल लिहाज से सफल होने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. ज्वैलर राज मथानी ने कहा कि मौजूदा सरकार पूर्वी भारत में जूलरी और टैक्सटाइल कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए काफी सक्रिय है. डिजाइनर मधु जैन ने इस फील्ड में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यों की तारीफ की और कहा कि उनका रवैया बहुत अच्छा है.

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दसवां सत्र: इनसाइड पार्लियामेंट- क्वेश्चन ऑवर

इस महत्वपूर्ण सत्र का संचालन तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रियन ने किया. इसमें डेरेक ने कई युवाओं से देश की राजनीति और संसद पर चर्चा की. उन्होंने युवाओं से इस बात पर चर्चा की कि क्या सांसद बनने के लिए किसी तरह की न्यूनतम शैक्ष‍ण‍िक योग्यता होनी चाहिए. युवाओं ने अरुण जेटली, ममता बनर्जी और शशि थरूर को बेहतरीन सांसद बताया.

कार्यक्रम में डेरेक से जब एक यूथ ने कहा कि वह पत्रकार बनना चाहती हैं, तो इस पर खूब तालियां बजीं. डेरेक ने कहा कि आजकल के चैनल तो तटस्थ नहीं रहे, वह पत्रकार क्यों बनना चाहती हैं, इस पर युवा लड़की ने कहा कि अगर कुछ लूपहोल है, तो इस नाते सामान्यीकरण करके समूचे मीडिया की एक छवि नहीं गढ़नी चाहिए.

डेरेक ने कहा कि भारतीय संसद कोई मजाक नहीं है, वहां बहुत प्रतिभावान लोग हैं. युवा पीढ़ी को हमारी संसद के बारे में काफी गंभीर धारणा रखनी चाहिए.

नौवां सत्र: आर्ट्स ऐंड एक्सप्रेशन-द क्रिएटिव लाइसेंस

इस महत्वपूर्ण सत्र में एक्टर धृतिमान चटर्जी, फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री और कॉमेडियन अनुवब पाल ने शि‍रकत की. इस सत्र का संचालन पद्मजा जोशी ने किया.

इस अवसर पर धृतिमान चटर्जी ने कहा, 'पद्मावती एक नॉन इश्यू है, लेकिन आज हर कोई इसकी चर्चा कर रहा है. मैंने संजय लीला भंसाली के साथ काम किया है, वह काफी समर्पित और मेहनती फिल्मकार हैं, काफी बारीकियों पर काम करते हैं, मुझे नहीं लगता कि संजय लीला भंसाली जानबूझकर ऐसा कुछ करेंगे जिससे लोगों की भावना को चोट पहुंचे. जो लोग सेंटिमेंट पर चोट पहुंचने की बात कर रहे हैं, उन्होंने अभी फिल्म देखी ही नहीं है.'

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आठवां सत्र: बीइंग बेंगाली-राइजिंग अबव स्टीरियोटाइप्स 

इस अनूठे सत्र में कोलकाता के मूल निवासी और प्रख्यात कॉमेडियन अनुवब पाल ने अपने स्टैंडअप कॉमेडी से लोगों का जमकर मनोरंजन किया. उन्होंने कहा कि बंगाल ही ऐसी जगह है जहां दुकानदार ग्राहक को देखकर उखड़ जाते हैं. बंगाली योद्धा लोग नहीं हैं, क्योंकि जब युद्ध की स्थ‍िति आती है, तो वे युद्ध के बारे में लिखना शुरू कर देते हैं.

सातवां सत्र: पॉलिटिक्स ऑफ फूड- द ग्रेट ईट डीबेट

इस अहम सत्र में क्यूपीज की ओनर राखी दासगुप्ता, त्रिपुरा कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम मानिक्य देबबर्मा, एक्टर और पेंटर मोबानी सरकार, ब्यूरोक्रेट अत्री भट्टाचार्य और बलराम मलिक ऐंड राधारमन मलिक के ओनर सुदीप मलिक ने शि‍रकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के कंसल्टिंरग एडीटर राजदीप सरदेसाई ने किया.

दासगुप्ता ने कहा कि लोग क्या खाएं या न खाएं यह सरकार को नहीं तय करना चाहिए, यह लोग खुद तय करें. दासगुप्ता ने कहा कि भोजन एक तरह की अभि‍व्यक्ति है, कुछ लोग बीफ खाते हैं, कुछ नहीं खाते. कोलकाता में बीफ हर जगह मिलती है और इस पर कोई रोक नहीं है.

त्रिपुरा कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम मानिक्य देबबर्मा ने भी इस मत का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत किसी एक संस्कृति से नहीं जुडा है, कुछ लोग बीफ, कुछ लोग पोर्क तो कुछ इलाके में लोग मिथुन मीट खाते हैं. लोग अपने व्यक्तिगत परिसर में क्या खाते हैं, यह सरकार को नहीं तय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार अगर खाने के बारे में सरकार अगर कोई कानून बनाती है तो यह निजता में दखल होगा.

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छठवां सत्र: स्टार्टिंग अप फ्रॉम दि ईस्ट:  मेकिंग इट अ बिजनेस डेस्टिनेशन

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के अहम सत्र में टर्टल के डायरेक्टर शितांग्शु झुनझुनवाला, बंधन बैंक के सीईओ सीएस घोष, अंबुजा ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन नेवतिया, श्रेई के चेयरमैन हेमंत कनोरिया और सेनको गोल्ड के कार्यकारी निदेशक सुवाकर सेन ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राहुल कंवल ने किया.

इस सत्र के दौरान पूर्वी राज्यों में कारोबारी गतिविधी को तेज रफ्तार देने के लिए उपायों पर चर्चा की गई. हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा कि पूर्वी राज्यों में लोगों की ताकत क्रिएटिविटी है. वहीं देश का प्रत्येक कोना सिर्फ कारोबार के लिए अग्रणी नहीं बन सकता. इसलिए पूर्व में कल्चर, लिट्रेचर, म्यूजिक के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है.'

शितांग्शु झुनझुनवाला ने कहा कि पूर्वी राज्यों को बांग्लादेश से सबक लेने की जरूरत है. जब बांग्लादेश एशिया में एक बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सकता है तो बंगाल समेत सभी पूर्वी राज्यों को इसके लिए कोशिश करने की जरूरत है.

पांचवा सत्र: रीइनवेंटिंग झारखंड- माइनिंग इट्स वेल्थ

इस अहम सत्र में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि देश का सबसे अमीर राज्य होने के बावजूद यहां गरीबी पलती है. रघुबर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया की परिकल्पना में न्यू झारखंड भी निहित है. दास ने कहा कि न्यू झारखंड के तहत रोजगार के अच्छे अवसर, शिक्षा और सोशल वेल्फेयर स्कीम को मजबूत किया जाएगा.

धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर रघुबर दास ने कहा कि धर्म परिवर्तन के खिलाफ बनाया गया कानून पूरी तरह से संविधान के दायरे में है. लिहाजा राज्य में किसी भी व्यक्ति को गरीबी और लाचारी के चलते धर्म परिवर्तन की मंजूरी नहीं दी जा सकती है. रघुबर दास ने कहा कि राज्य में कुछ एंटी नैशनल तत्व तनाव पैदा करने के लिए आदिवासी जनता का धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रहा है. इन तत्वों के साथ कुछ राजनीतिक दल भी अपनी वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.

चौथा सत्र: सुभाष बोस: दि एन्ड्योरिंग लिजेंड

बीजेपी नेता चंद्रा बोस ने कहा कि पूरा देश सुभाष चन्द्र बोस को आदर्श मानता है लेकिन कांग्रेस सरकारों ने उन्हें इतिहास से बाहर रखा. लेकिन मौजूदा एनडीए सरकार और पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने सुभाष चन्द्र बोस को इतिहास में उनकी जगह दिलाने का बीड़ा उठाया है.

इस चर्चा में शामिल होते हुए प्रोफेसर डीएन बोस ने कहा कि आजादी के 31 साल के बाद मोरारजी देसाई की सरकार में पहली बार संसद में नेताजी की फोटो का अनावरण किया गया. डीएन बोस ने कहा कि कांग्रेस ने आईएनए की पूरी कहानी इतिहास के पन्नों से बाहर कर दिया है. लेकिन मोदी सरकार ने अब आजादी के 70 साल बाद इस गलती को सुधारने की पहल की है.

वहीं लेखक और एक्टिविस्ट अनुज धर ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस की अस्थियों के डीएनए टेस्टिंग का काम आगे बढ़ना चाहिए. चंद्रा बोस ने कहा कि स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेते हुए सुभाष बोस ने आईएनए के चरित्र निर्माण का काम किया.

वहीं बीजेपी द्वारा सुभाष चन्द्र बोस पर कब्जा करने के आरोप पर चन्द्रा बोस ने कहा कि सुभाष बोस को कोई एक पार्टी हथिया नहीं सकती. हालांकि जो भी पार्टी नेताजी के आदर्शों पर चल सकती है वह ऐसा करके देश को बचाने का काम कर सकेंगी.

नेताजी के गायब होने के रहस्य से पर्दा उठना चाहिए. ऐसे इस चर्चा में शामिल हुए सभी हस्तियों का कहना है. अनुज के मुताबिक नेताजी के इर्द-गिर्द इस रहस्य से पर्दा बिना इंटेलिजेंस की फाइलों को पब्लिक किए नहीं उठाया जा सकता. वही डीएन बोस ने कहा कि जबतक इंटेलिजेंस की फाइलें पब्लिक नहीं की जाती तबतक रूस की सरकार इस रहस्य के साक्ष्य भारत को नहीं देगा.

तीसरा सत्र: सैफ्रन एंड दि ईस्ट: विल द टू मीट

इस अहम सत्र में बीजेपी नेता मीनाछी लेखी, असम सरकार में वित्त, शिक्षा, स्वास्थ और टूरिज्म मंत्रालय की कमान संभल रहे हिमान्ता बिस्वा शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकेन और त्रिनमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया.

सीबीआई के राजनीतिकरण के मुद्दे पर बोलते हुए अजय माकन ने कहा कांग्रेस ने चुनाव जीतकर सरकार बनाई है वहीं बीजेपी ने डिफेक्शन का सहारा लेकर सरकार बनाई है. माकन ने कहा कि मोदी सरकार ने सीबीआई का सहारा लेकर राज्यों में अपनी सरकार स्थापित करने का काम किया है. वहीं सत्र के दौरान हिमान्ता बिस्वा ने कहा कि राजनीति में फेयर एंड लवली क्रीम का इजात कांग्रेस ने किया वहीं बीजेपी तो महज इसका इस्तेमाल कर रही है.

वहीं मुद्दे पर मीनाछी लेखी ने कहा कि किसी को भ्रष्ट घोषित करने का काम कोर्ट को करना चाहिए न कि उसका मीडिया ट्रायल होना चाहिए. टीएमसी नेता मोइना मित्रा ने कहा कि बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट में लोकतंत्र को चोट पहुंचाई है. मोइना ने कहा कि बीजेपी को साफ पता है कि बंगाल में वह लोकतांत्रिक तरीकों से चुनाव नहीं जीत सकती लिहाजा वह दंगे और तनाव का सहारा लेकर सत्ता पर आने की कोशिश कर रही है.

दूसरा सत्र: दि नॉर्थईस्टर्न प्रोजेक्ट: दि न्यू इंडिया

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से साफ संदेश दिया गया है कि नॉर्थईस्ट के विकास को सर्वाधिक प्राथमिकता देने की जरूरत है. सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद राज्य में प्रशासनिक दिक्कतों को दूर करने के कड़े कदम उठाए गए हैं.

सोनोवाल ने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में नदी पर एक पुल बनाने के लिए कई साल तक इंतजार करना पड़ता था. अब यह काम टास्क फोर्स की रफ्तार से किया जा रहा है. सोनोवाल ने कहा कि मौजूदा सरकार की तैयारी के मुताबिक असम को असियान देशों के ट्रेड मैप पर रखने के लिए डेवलप किया जा रहा.

पहला सत्र: गर्ल पावर: कन्यास शो दि वे

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के दूसरे दिन के पहले सत्र में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में महिला और बाल कल्याण मंत्री शशि पान्जा ने शिरकत की. खासबात यह है कि इस सत्र के दौरान कॉन्क्लेव ईस्ट के मंच पर शशि पान्जा के साथ पिछड़े तबके से और उत्पीडन की शिकार कुछ लड़कियों ने भी मंच साझा किया.

गौरतलब है कि इन लड़कियों को राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई कन्याश्री योजना से लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है. इस योजना के तहत इन लड़कियों ने अपनी आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को बदलने में सफलता पाई है.

उत्तर-पूर्व में 8 राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा तेज गति से विकास कर रहे हैं. अरुण पुरी ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से को विकसित होना है तो इसके लिए पश्चिम बंगाल को उभरना बेहद जरूरी है. अरुण पुरी ने बाताया कि पश्चिम बंगाल इस क्षेत्र का नेतृत्व करने के लिए पूरा तरह तैयार है.

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