
देश के रेलवे स्टेशनों में जाना कम ही दिल को लुभाता है. लेकिन अब रेलवे ये हालात बदलने को लेकर संजीदा है. इसके लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर प्लेटफॉर्म डेवेलपमेंट शुल्क वसूलने पर गौर किया जा रहा है.
निजी कंपनियां चमकाएंगी प्लेटफॉर्म?
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक विभाग देश के बड़े शहरों के रेलवे स्टेशनों को हवाई अड्डों की तरह चमकाना चाहता है. इसके लिए कई स्टेशनों को पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है. इस प्रक्रिया के लिए टेंडर मंगवाने का काम भी शुरू हो चुका है. रेलवे अधिकारियों की हालिया बैठक में इस मकसद के लिए पैसा जुटाने के तरीकों पर विचार किया गया.
यात्रियों की जेब होगी ढीली?
रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प के लिए अब यात्रियों से पैसे वसूले जा सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म डेवेलपमेंट शुल्क लगाने की योजना पर विचार हो रहा है. मसलन दिल्ली में रोजाना 8 लाख प्लेटफॉर्म टिकट बेचे जाते हैं. अगर हर टिकट पर 1 रुपये विकास शुल्क भी वसूला जाए तो रेलवे को 8 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती है. इस पैसे का इस्तेमाल प्लेटफॉर्म की साफ-सफाई और सुविधाओं पर किया जा सकता है.
बदलना होगा कानून
रेल अधिकारियों के मुताबिक इस पैसे को पूरी तरह से अलग रखने के लिए कानून में जरूरी संशोधन करने पड़ेंगे. फिलहाल रेलवे मंत्रालय इस सिलसिले में 2 प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. पहले प्रस्ताव के मुताबिक छोटे स्टेशनों पर कम और बड़े रेलवे स्टेशनों पर ज्यादा डेवलपमेंट शुल्क लगाने की बात कही जा रही है. दूसरे प्रस्ताव के मुताबिक देश के तकरीबन 400 रेलवे स्टेशनों पर एकमुश्त शुल्क लगाया जा सकता है. रेलवे बोर्ड के अधिकारी अभी इस मसले पर बोलने से बच रहे हैं. लेकिन आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस सिलसिले में अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं और रेलवे अधिकारियों को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा जा चुका है.