
दुश्मन की मिसाइलों से हिफाजत की दिशा में भारत ने एक और कदम बढ़ाया है. बंगाल की खाड़ी के अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसॉनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया गया है. ये एक महीने में इस तरह की मिसाइल का दूसरा टेस्ट था.
ऐसे हुआ परीक्षण
डिफेंस रिसर्च डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने सुबह करीब 10 बजे चांदीपुर टेस्ट रेंज से पृथ्वी मिसाइल छोड़ी. इसके करीब 4 मिनट बाद अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरस्पेटर मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया. ये मिसाइल चंद मिनटों में ही पृथ्वी मिसाइल को नष्ट करने में कामयाब रही.
कामयाब रहा परीक्षण
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का कहना है कि परीक्षण पूरी तरह कामयाब था. एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक आज के टेस्ट का मकसद उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर मिसाइल के मानकों को जांचना था. मिसाइल सभी पैमानों पर खरी उतरी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक टेस्ट के दौरान कम ऊंचाई पर मिसाइल की मारक क्षमता की परख की गई. जिस तरह से इसने दूसरी मिसाइल को मार गिराया, उससे पता चलता है कि मिसाइल ने बिल्कुल सही तरीके से काम किया.
मिसाइल में क्या है खास?
दुश्मन के मिसाइल हमलों के खिलाफ एयर डिफेंस सिस्टम बनाने की दिशा में ये इंटरसेप्टर मिसाइल काफी अहम है. 7.5 मीटर लंबी ये मिसाइल ठोस रॉकेट इंजन से चलती है. मिसाइल में अत्याधुनिक तकनीक का नेवीगेशन सिस्टम लगा है. इसके अलावा मिसाइल हाईटेक कंप्यूटर सिस्टम और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्टिवेटर से भी लैस है. ये उपकरण मिसाइल को अचूक निशाना लगाने में मदद करते हैं. इंटरसेप्टर मिसाइल का अपना मोबाइल लॉन्चर, सुरक्षित डाटा लिंक और ट्रेकिंग सिस्टम है. इसके अलावा आधुनिक तकनीक के रडार इसे निशाने तक पहुंचने में मदद करते हैं.