
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू ने राज्य में लागू विवादित ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर अपनी भूख हड़ताल को खत्म कर देने की घोषणा की है. उनके केस का फैसला 9 अगस्त को आने की संभावना जताई जा रही है. स्थानीय इम्फाल कोर्ट में उसी दिन वह अपनी हड़ताल खत्म करेंगी.
बताया जा रहा है कि अपनी हड़ताल खत्म करने के बाद इरोम राजनीति में कदम रखने वाली हैं. इरोम का कहना है कि उन्हें अपने आंदोलन के लिए जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है. इसलिए उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतरने का फैसला किया है. अफस्पा विरोधी विचारधारा के लिए वह चुनाव में उतरेंगी.
इरोम ने ये भी कहा है कि 'मैं अपने 16 साल पुराने आंदोलन को लेकर रणनीति में कुछ बदलाव करूंगी. मध्य अगस्त से मैं नई रणनीति के साथ आंदोलन शुरू करूंगी हालांकि मेरे केस का फैसला 9 अगस्त को आ जाएगा.' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 'मैं लोगों को बताना चाहती हूं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां आंदोलन का मतलब बंद बुलाना, हिंसक प्रदर्शन करना और आगजनी करना नहीं है. ऐसी हिंसक प्रदर्शनों से उन राजनेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता जो करोड़ों रुपये खर्च करके कुर्सी तक पहुंचे हैं. तब तक कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है जब तक लोगों में से कोई सच्चा प्रतिनिधि निकल कर नहीं आता.