
देश के कई राज्यों में कैश का संकट सामने आया है. बैंक और एटीएम में कैश नहीं है. लोग इस हालात को नोटबंदी जैसा बता रहे हैं. इस मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है. कई विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी ने यह संकट कर्नाटक चुनाव के चलते खड़ा किया है.
कहा जा रहा है कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव हैं, इसलिए वहां भी नकदी की मांग काफी बढ़ गई है. चुनाव के दौरान रैलियों में होने वाले खर्चे के चलते पार्टियों ने भारी मात्रा में कैश निकाला है, जिसका इस्तेमाल चुनाव में होगा. हालांकि, अब तक ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है.
उधर मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस पर चुटकी ली, तो एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसका जवाब दिया. शिवराज सिंह ने कहा, '16.5 लाख करोड़ नोट छापे गए हैं और मार्केट में पहुंच चुके हैं. लेकिन 2000 के नोट कहां जा रहे हैं? कौन लोग नकदी संकट जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं? समस्या उत्पन्न करने की साजिश चल रही है और राज्य सरकार इसके बारे में सख्त कदम उठाएगी, हम केंद्र सरकार के संपर्क में भी हैं.'
राहुल ने भी किया वार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है. अमेठी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छे दिनों का वादा किया था, लेकिन देश एक बार फिर कतारों में खड़ा है. क्या इन्हीं अच्छे दिनों की बात की जा रही थी. राहुल ने कहा कि हमें संसद में बोलने नहीं दिया जाता है, अगर मैं 15 मिनट संसद में भाषण दूं तो प्रधानमंत्री हमारे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे.
रिजर्व बैंक के पास 1,25,000 करोड़ रुपये की नकदी
आपको बता दें कि अरुण जेटली से पहले वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने भी बयान दिया था. आजतक के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैश की किल्लत दो-तीन दिन में दूर हो जाएगी और देश में नगदी की कोई कमी नहीं है.
केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि फिलहाल रिजर्व बैंक के पास 1,25,000 करोड़ रुपये की नगदी है. समस्या बस कुछ असमानता की हालत बन जाने की वजह से हुई है. कुछ राज्यों में कम करेंसी है तो कुछ में ज्यादा. सरकार ने राज्यवार समितियां बनाई हैं और रिजर्व बैंक ने भी अपनी एक कमिटी बनाई है ताकि एक से दूसरे राज्य तक नकदी का ट्रांसफर हो सके.
उन्होंने कहा, 'रिजर्व बैंक पैसों की राज्यों में असमानता को खत्म कर रहा है. एक राज्य से दूसरे राज्य में पैसे पहुंच रहे हैं. बिना रिजर्व बैंक के आदेश के ही प्रांतों में स्थिति कैसे ठीक की जा सकती है, इसका अध्ययन कर रहे हैं. पैसे की कोई कमी नहीं है. नोटबंदी की तरह कमी नहीं होने देंगे. हालात ठीक हो जाएंगे.'
सरकार के अलावा रिजर्व बैंक भी इस समस्या सामने आने के बाद एक्टिव हो गया है. रिजर्व बैंक ने इन राज्यों में नगदी की आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं और उम्मीद जताई है कि जल्दी ही हालात सामान्य हो जाएंगे. रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है.