Advertisement

ATM में कैश की तंगी से फिर नोटबंदी जैसे हालात, RBI और सरकार एक्टिव

देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से एटीएम में कैश न उपलब्ध होने से फिर नोटबंदी जैसी परेशानी का माहौल बनने लगा. लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए आखिरकार रिजर्व बैंक और सरकार को आगे आना पड़ा.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST

देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से एटीएम में कैश न उपलब्ध होने से फिर नोटबंदी जैसी परेशानी का माहौल बनने लगा. लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए आखिरकार रिजर्व बैंक और सरकार को आगे आना पड़ा. रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि अब अर्थव्यवस्था में नकदी की हालत नोटबंदी के पहले वाले दौर से भी बेहतर है, ऐसे में इस संकट की वजह दूसरी है.

Advertisement

रिजर्व बैंक ने इन राज्यों में नकदी की आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं और उम्मीद जताई है कि जल्दी ही हालात सामान्य हो जाएंगे. रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में बैसाखी, बिहू और सौर नव वर्ष जैसे त्योहार होने की वजह से लोगों को ज्यादा नकदी की जरूरत थी. लोग नकदी का जमावड़ा न करने लगें और अफरा-तफरी न मचे इसके लिए वित्त मंत्रालय ने तत्काल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों के अधिकारियों और बैंक प्रमुखों से परामर्श भी किया.

Advertisement

सूत्रों का कहना है कि नकदी की उपलब्धता में ऐसे उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. जैसे यदि किसी राज्य में डिमांड बढ़ जाती है तो दूसरे राज्य में आपूर्ति पर थोड़ा अंकुश लगा दिया जाता है. उदाहरण के लिए असम में शनिवार को बिहू त्योहार होने की वजह से उसके कुछ दिनों पहले नकदी की निकासी काफी बढ़ गई. इसलिए दूसरे कुछ राज्यों में आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अब आपूर्ति सामान्य हो गई है और हालात जल्दी ही सामान्य हो जाएंगे.'

इसके अलावा कर्नाटक में चुनाव करीब हैं, इसलिए वहां भी नकदी की मांग काफी बढ़ गई है. फसल के समय किसानों द्वारा भी नकदी की निकासी बढ़ जाती है. कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, इसकी वजह से इस मसले पर तत्काल राजनीति भी शुरू हो गई.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस पर चुटकी ली, तो एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसका जवाब दिया. शिवराज सिंह ने कहा, '16.5 लाख करोड़ नोट छापे गए हैं और मार्केट में पहुंच चुके हैं. लेकिन 2000 के नोट कहां जा रहे हैं? कौन लोग नकदी संकट जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं? समस्या उत्पन्न करने की साजिश चल रही है और राज्य सरकार इसके बारे में सख्त कदम उठाएगी, हम केंद्र सरकार के संपर्क में भी हैं.'

Advertisement

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ में कुछ लोगों ने गुस्से में एक एटीएम में तोड़फोड़ की. रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी से पहले मार्केट में 500 और 1000 के नोटों का कुल सर्कुलेशन 17.74 लाख करोड़ रुपये मूल्य का था, जबकि इस समय बड़े नोटों का सर्कुलेशन 18 लाख करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement