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ट्रिपल तलाक की जंग जीतने वाली को अब सुनने पड़ रहे समाज के ताने

इशरत जहां को इस फैसले के बाद अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं कुछ लोग तो उनकी तुलना इस्लाम विरोधी के तौर पर कर रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में एक साथ तीन तलाक को खत्म कर दिया. लेकिन क्या कोर्ट का फैसला ज़मीन पर ठीक तरह से उतर पाएगा, यह भी अभी एक सवाल है. इस मुद्दे के लिए कोर्ट में जंग लड़ने वाली इशरत जहां भी इस फैसले से खुश हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनकी खुशी रास नहीं आ रही है.

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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इशरत जहां को इस फैसले के बाद अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं कुछ लोग तो उनकी तुलना इस्लाम विरोधी के तौर पर कर रहे हैं. इशरत जहां ने बताया कि कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही मुझे लगातार इस तरह के भद्दे कमेंट्स मिल रहे हैं. एक तरह से लोग उनका सामाजिक बहिष्कार कर रहे हैं.

कौन हैं इशरत जहां?

पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां ने अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 30 साल की इशरत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया. अपनी याचिका में इशरत ने कोर्ट में कहा है कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके चार बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं.

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याचिका में इशरत ने बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की है. इशरत ने कहा है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है. याचिका में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है.

बता दें कि मंगलवार को पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने तलाक-ए बिद्दत यानी तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. यानी इस फैसले के साथ ही देश में तीन तलाक खत्म हो गया है.

 

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