
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग की जांच एक राष्ट्रीय स्तर की कमेटी (National Review Committee - NRC) कर रही है. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 मिशन की 98 फीसदी सफलता की घोषणा उन्होंने नहीं की थी. यह घोषणा NRC ने ही अपनी शुरुआती जांच के बाद की थी. कमेटी का मानना है कि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार हमारे मिशन में सिर्फ 2 फीसदी की ही कमी थी, 98 फीसदी मिशन सफल रहा है. उसी के आधार पर डॉ. के. सिवन ने लोगों से यह बात कही थी.
किसने दिया चंद्रयान-2 का 98% सक्सेस रेट? ISRO चीफ ने किया खुलासा
इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा कि NRC की पूरी जांच के बाद हम अपने ऑर्बिटर से मिले सभी डेटा और तस्वीरें आम जनता के लिए जारी करेंगे. रिव्यू कमेटी अब भी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग के आंकड़ों और तस्वीरों की जांच का काम कर रही है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर से मिले डेटा को भी सार्वजनिक करेंगे, लेकिन समय आने पर. NASA की तस्वीरें जारी होंगी, लेकिन हमारी नीतियों के अनुसार ही.
आइए...जानते हैं कि कौन-कौन है National Review Committee में
इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक National Review Committee - NRC यह पता कर रही है कि आखिरकार विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग के पीछे क्या कारण है? कहां और किस स्तर पर गड़बड़ी हुई और उसे अगले मिशन में कैसे ठीक किया जा सकता है? NRC जांच पूरी होने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौपेंगी. उसके बाद ही चंद्रयान-2 को विक्रम लैंडर से जुड़े सभी डेटा सार्वजनिक किए जाएंगे. इस रिव्यू कमेटी अब तक विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर से मिले सभी डेटा और तस्वीरें देख चुकी है. इसकी रिपोर्ट कब तक आएगी यह बता पाना मुश्किल है क्योंकि सभी आंकड़ों की जांच करने में समय लगता है.
98% सफल चंद्रयान 2- इसरो चीफ के दावे पर देश के वैज्ञानिकों ने ही उठाए सवाल
इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक National Review Committee - NRC में पूर्व इसरो चीफ (ए.एस. किरण कुमार या के. राधाकृष्णन), डीआरडीओ चेयरमैन (डॉ. जी. सतीश रेड्डी), नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेट्रीज के चीफ या वरिष्ठ वैज्ञानिक, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के चीफ या वरिष्ठ वैज्ञानिक और संबंधित विषय के IIT प्रोफेसर होते हैं. इस कमेटी के सभी सदस्य एकसाथ मिलकर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग की जांच कर रहे हैं. इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर मिशन की सफलता का दर तय किया गया है. अंतिम रिपोर्ट आने तक आपको विक्रम लैंडर की तस्वीरों और आंकड़ों का इंतजार करना होगा.
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अमेरिकी एजेंसी NASA भी चांद पर नहीं खोज पाया हमारा विक्रम लैंडर
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) नहीं खोज पाया. नासा ने कहा है कि अब हम विक्रम लैंडर को दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे. नासा LRO के वैज्ञानिकों ने बताया है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) से करीब 600 किमी दूर गिरा था. 17 सितंबर को LRO ने उस इलाके के ऊपर से उड़ान भरी. लेकिन शाम का माहौल होने की वजह से उस जगह की सही तस्वीर नहीं आ पाई है. इसलिए हम विक्रम लैंडर को खोज नहीं पाए. इसे दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे, जब वहां पूरी रोशनी होगी.
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आखिर क्या हुआ था चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के साथ?
इसरो ने 7 सितंबर को तड़के 1.50 बजे के आसपास विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश की थी, लेकिन यह लैंडिंग उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सकी और विक्रम से संपर्क टूट गया था.