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जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) के प्रो-मीडिया कोऑर्डिनेटर अहमद अजीम ने कहा कि 15 दिसंबर 2019 को यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के संबंध में पुलिस पर एफआईआर के लिए अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. इसके लिए सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत निचली अदालत में जल्द आवेदन दायर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये निर्णय जेएमआई की कार्यकारी परिषद (EC) की बैठक में लिया गया.
इस बैठक में तय हुआ कि सभी डीन के विचार-विमर्श से परीक्षा नियंत्रक द्वारा नई परीक्षा तिथि की घोषणा की जाएगा. उन्होंने कहा कि कैंपस के अंदर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर आगे और कदम उठाए जाएंगे.
नागरिकता कानून के विरोध में 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया इलाके में हिंसा हुई थी. कई बसें और बाइक को फूंक दी गई थी. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया था.
पुलिस हेडक्ववॉर्टर पर किया था प्रदर्शन
वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आरोप था कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की. पुलिस के विरोध में उस दिन रात 9 बजे से पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जामिया और जेएनयू के छात्र प्रदर्शन करने के लिए जमा हो गए थे. पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन तड़के साढ़े चार बजे तक चला था.
नहीं दर्ज हो रही एफआईआर
हाल में जामिया यूनिवर्सिटी की वीसी नजमा अख्तर ने छात्रों के साथ हुए बर्बरता को लेकर कहा था कि हमारी ओर से FIR की जा चुकी है, लेकिन दिल्ली पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है. अब जामिया प्रशासन ने पुलिस पर एफआईआर के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.