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जामिया यूनिवर्सिटी की VC के सुर बदले, पहले कहा था- हिंसा के लिए कोई जिम्मेदार नहीं

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर सोमवार को छात्रों से रूबरू हुईं. हालांकि टीवी टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में वीसी ने जो कहा था उससे उनका बयान थोड़ा अलग रहा. 

17 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी की वीसी ने की थी बातचीत  17 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी की वीसी ने की थी बातचीत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

  • 17 दिसंबर को इंडिया टुडे ने की थी वीसी से बातचीत
  • सोमवार को जामिया वीसी ने छात्रों से की मुलाकात

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर सोमवार को छात्रों से रूबरू हुईं. इस दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों और शिकायतों के जवाब भी दिए. हालांकि इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में वीसी ने जो कहा था उससे उनका बयान थोड़ा अलग रहा.  

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17 दिसंबर को कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने वाइस चांसलर नजमा अख्तर से बातचीत की थी. उस दिन जब उनसे पूछा गया कि जामिया में हुई हिंसा के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं और किसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए ?  इसके जवाब में वीसी ने कहा था कि किसी को नहीं.

कैंपस के अंदर पुलिस किसके आदेश पर घुसी? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि पुलिस लगातार उनके संपर्क में थी और बात कर रही थी. उनसे कहा गया था कि वो यूनिवर्सिटी के पास रहें, लेकिन बाद के फैसले लोकल पुलिस ने नहीं लिए थे. हालांकि उनसे जब पूछा गया कि क्या बाहर के लोग कैंपस के अंदर घुसे थे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि वो वहां मौजूद नहीं थीं.

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एंटी सोशल एलिमेंट काफी संख्या में थे

वीसी ने कहा कि हां, अगर सड़क पर दौड़ रहे लोगों को एंटी सोशल एलिमेंट कहा जा रहा है तो वो काफी संख्या में थे. अगर सड़क पर लोग दौड़ते हैं तो वैसे हालात में दोनों तरफ भागते हैं. कैंपस में जो लोग घुसे वो हमारे छात्र नहीं थे. बाहर के लोग अंदर इसलिए घुसे, क्योंकि कैंपस खुला था.

मानव संसाधन मंत्रालय में रखेंगे मामला

वीसी नजमा अख्तर से जब पूछा गया कि जामिया की छवि एंटी सोशल वाली बन गई है तो इसके जवाब में वीसी ने कहा था कि मैं पूरी तरह से इसके खिलाफ हूं. जामिया के साथ इस तरह के लोग नहीं हैं. हम इस मामले को मानव संसाधन मंत्रालय के सामने रखेंगे.    

दिल्ली पुलिस नहीं दर्ज कर रही FIR

वहीं, छात्रों ने सोमवार को जब वीसी से सवाल किया कि पुलिस किसके कहने पर घुसी थी, आपने एक्शन क्यों नहीं लिया? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी ओर से FIR की जा चुकी है, लेकिन दिल्ली पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है. जो आप चाहते हैं हम वो नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हम सरकारी अफसर हैं. आप मेरे मुंह में शब्द ना डालें. पुलिस हमसे पूछे बिना ही कैंपस में घुसी थी. पुलिस ने कैंपस में घुसकर हमारे मासूम बच्चों को पीटा था, हमने सरकार के सामने इस मसले को उठाया है.

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दिल्ली पुलिस के खिलाफ शुरू होगा एक्शन

छात्रों की सुरक्षा कैसे करेंगी? इस पर जामिया यूनिवर्सिटी की वीसी ने कहा कि हमने एफआईआर कर दी है, एफआईआर से सुरक्षा पर बातें नहीं होती हैं. हमसे जो हो रहा है, वो कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस के खिलाफ हमने जो एफआईआर की है उस पर कल (मंगलवार)  से एक्शन शुरू हो जाएगा.

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