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JNU विवाद में हाफिज के हाथ होने का सबूत दिखाएं राजनाथः उमर अब्दुल्ला

राजनाथ सिंह ने जेएनयू में देशविरोधी नारे लगानेवालों के सिर पर जमात उद दावा के प्रमुख और कुख्यात आतंकी हाफिज सईद का हाथ बताया था. हालांकि उन्होंने आतंकी संगठन का नाम लश्करे तैयबा लिया था.

उमर अब्दुल्ला ने जेएनयू विवाद में राजनाथ सिंह पर निशाना साधा उमर अब्दुल्ला ने जेएनयू विवाद में राजनाथ सिंह पर निशाना साधा
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जेएनयू में देशद्रोह को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ताजा बयान पर निशाना साधा है. अब्दुल्ला ने लगातार चार ट्वीट कर लिखा है कि राजनाथ सिंह ने जेएनयू में नारे लगानेवालों के सिर पर जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद का हाथ बताया है, यह गंभीर आरोप हैं. अगर उनके पास इसके सबूत हैं तो दिखाएं.

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अपने ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने लिखा, 'गृहमंत्री की ओर से जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों पर बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके सबूत सबके सामने पेश किए जाने चाहिए.' अब्दुल्ला ने चुनौती देते हुए कहा है कि राजनाथ सिंह को जेएनयू मामले से हाफिज सईद के कनेक्शंस के सबूतों के साथ जनता के बीच जाना चाहिए. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है कि जेएनयू के छात्रों के सिर पर हाफिज सईद का हाथ बताए जाने से विवाद का स्तर बहुत नीचे चला गया है. एनडीए सरकार के लिए यह बहुत मुश्किल साबित होने वाला है.

जेएनयू विवाद के पीछे हाफिज सईद
गौरतलब है कि इसके पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इलाहाबाद में कहा था कि जेएनयू की घटना के पीछे हाफिज सईद का हाथ है. सिंह ने कहा था, 'जेएनयू की घटना को लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त था.' उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे केशरी नाथ त्रिपाठी की पत्नी के निधन पर संवेदना जताने के लिए वह उनके घर पहुंचे थे. सिंह ने कहा था कि मामले का राजनीतिकरण कर विपक्षी दल लाभ पाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि राष्ट्रहित के मसले पर सबको एक आवाज में बोलना चाहिए.

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बख्शे नहीं जाएंगे पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाले
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे देशविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बेकसूरों पर किसी भी कार्रवाई के नहीं होने का भरोसा भी दिया था. सिंह ने यह बात शनिवार को उनसे मिलने गए वामपंथी दलों के नेताओं से भी कहा था. इसके पहले गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी कहा था कि जेएनयू को देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बनने नहीं दिया जाएगा.

स्पीकर बोलीं, सिर्फ आरोप लगाने से नहीं निकलेगा हल
इस बीच लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उज्जैन में कहा कि जेएनयू विवाद पर हम मसबको मिलकर सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं और छात्रों में ऐसे विचार आखिर आते कैसे हैं. इस सब पर सोचने और कुछ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जेएनयू विवाद पर आरोप और प्रत्यारोपों से कोई हल नहीं निकलने वाला है.

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