Advertisement

मुसलमानों को बीवियों की करनी होगी इज्जत, गुजरते तूफान से भी मिलकर होगा निपटना: ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि महिलाएं सिर्फ घर का काम करने या फिर खाना बनाने के लिए नहीं होती हैं, बल्कि वो घर की रानियां होती हैं. अभी जो माहौल है, उससे यह लगता है कि हमारे यहां महिलाओं के हालात बहुत खराब है.

असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी
राम कृष्ण
  • बंगलुरु,
  • 30 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

मुसलमानों को अपनी बीवियों की इज्जत करनी चाहिए. साथ ही इस बात को समझना चाहिए कि उनके घर में बीवियां सिर्फ घर का काम करने या फिर खाना बनाने के लिए नहीं है. शनिवार को ये बातें असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक के बागलकोट में एक शादी समारोह के दौरान अपने भाषण में कही. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान लोकसभा से तीन तलाक बिल पारित होने के बाद सामने आया है.

Advertisement

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि महिलाएं सिर्फ घर का काम करने या फिर खाना बनाने के लिए नहीं होती हैं, बल्कि वो घर की रानियां होती हैं. अभी जो माहौल है, उससे यह लगता है कि हमारे यहां महिलाओं के हालात बहुत खराब है. तीन तलाक पर बन रहे कानून पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि अल्लाह जेल से नहीं डरता है और जो कानून बनाकर जेल का डर दिखाया जा रहा हैं, उससे फर्क नहीं पड़ेगा. शादी में आए लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “आप अल्लाह का डर देखिए. आप अपने वालिद, बीवी और अपने बच्चों से बेइंतहा मोहब्बत कीजिए”.

जाकिया जाफरी और बेस्ट बेकरी का उल्लेख करते हुए ओवैसी ने कहा, “कौन क्या कानून बनाता है, हमें इससे फर्क नहीं पड़ता है. हमको तूफान का सामना करना होगा और इसके लिए हम सबको एकजुट होना होगा. इस तूफान में किश्ती को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है.”

Advertisement

उन्होंने कहा कि शरीयत की हिफाजत करना हमारी जिम्मेदारी है. सिर्फ नारा लगाने या फिर किसी मौलाना के नारा लगाने से शरीयत की हिफाजत नहीं होती है. हमने सबको आजमा कर देख लिया है. अब समय आ गया है कि हम खुद ही अपनी हिफाजत करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement