
शोपियां में आतंकियों के एनकाउंटर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार कर सूझबूझ का परिचय दिया है. जिस तरह से सेना ने 12 आतंकवादियों को मार गिराया हैं, इसके लिए सेना की तारीफ करनी चाहिए. जितेंद्र सिंह के मुताबिक विपक्ष के पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा हैं, इसलिए वो मृतकों की संख्या गिना रही है. अगर ऐसा हैं तो गिनती हो जाए कि किस की सरकार में कितने आतंकवादी मारे गए हैं और कितने सैनिक.
'आतंकवादियों पर सेना का दबाव'
सिंह ने कहा, 'जिस तरह पिछले कुछ समय से सुरक्षाबल आतंकवादियों पर दबाव बनाए हुए हैं. उसी के चलते इस प्रकार की सफलता और उपलब्धियां नसीब हो रही हैं और निश्चय ही हमारे जवान बधाई के पात्र हैं. जिन जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. उनको हम नमन करते हैं. राष्ट्र उनका ऋणी है. देश में आतंकवाद के खात्मे के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर जवानों की ये कार्रवाई, उन लोगों के लिए सबक है, जो पाकिस्तान की बात करते हैं, जिन की जुबान पाकिस्तान मुर्दाबाद कहने और हिंदुस्तान जिंदाबाद कहने में लड़खड़ा जाती है.'
'मोदी सरकार के आते ही आगे बढ़ रहे कश्मीर के युवा'
केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाने वाले अलगाववादियों पर डॉक्टर जितेंद्र सिंह का कहना है कि कुछ लोग राजनीति करने के लिए ऐसी बातें करते हैं, जबकि सरकार की नीति का ही परिणाम है कि जम्मू कश्मीर से आज युवा मोदी की जो विकास यात्रा है, उसमें शामिल हो रहे हैं. IITऔर सिविल सर्विसेज में दूसरे राज्यों से ज्यादा आगे निकल रहे हैं. मोदी सरकार आने के बाद से कश्मीर के युवा हर क्षेत्र में आगे आए हैं.
कश्मीर समस्या पर ये बोले जितेंद्र सिंह
कश्मीर समस्या का हल निकालने के बारे जितेंद्र सिंह का कहना है BJP का पहले भी मानना रहा है कि हमारी दूसरी कोई समस्या है ही नहीं. सभी राजनीतिक दल सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके 1994 में सदन में मान चुके हैं. अगर कोई समस्या है तो सिर्फ इतनी कि किस प्रकार से पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल किया जाए. वहीं महबूबा मुफ्ती की कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान से बात करने के सवाल पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से बात करनी है या नहीं, इस पर फैसला करने का अधिकार केंद्र सरकार को है.