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केरल में जन-जीवन को सामान्य बनाने के प्रयासों के बीच मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने दावा किया है कि यूएई की ओर से आर्थिक मदद के प्रस्ताव को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र 700 करोड़ रुपये की मदद को स्वीकार करेगा.
एनआरआई कारोबारी ने दी थी जानकारी
केरल के सीएम ने कहा कि एनआरआई कारोबारी एम ए यूसुफ अली ने उनको इस मदद के बारे में सूचित किया था. मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने जब उनसे पूछा कि क्या मैं इसे सार्वजनिक कर सकता हूं, तो उन्होंने कहा था कि इसमें कोई समस्या नहीं है.” विजयन ने कहा कि अली को यूएई की आर्थिक मदद के बारे में जानकारी उस वक्त दी गई जब वह बकरीद की बधाई देने के लिए शाहजादे से मिले.
उन्होंने कहा कि सहायता को स्वीकार करने या नहीं करने का फैसला केंद्र सरकार लेगी. विजयन ने इस मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस मामले पर यूएई के शाहजादे शेख मोहम्मद बिन सैयद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच चर्चा हुई थी.
दरअसल, केरल के सीएम विजयन दावा कर रहे हैं कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए यूएई की तरफ से 700 करोड़ रुपये ऑफर किए गए. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इस मदद को ठुकरा दिया गया. वहीं इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब यूएई की ओर से कहा गया कि इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
यूएई के राजदूत अहमद अलबन्नम ने मदद का जिक्र किए बिना कहा कि उनकी सरकार ने केरल में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सहायता देने के लिए सिर्फ एक राष्ट्रीय आपातकालीन समिति का गठन किया है. एक अधिकारी ने कहा कि यूएई आने वाले कुछ दिनों में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए कोई योजना तैयार कर सकता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक तीस लाख भारतीय यूएई में रहते और नौकरी करते हैं जिसमें से 80 प्रतिशत केरल के लोग हैं.