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केरल में कोल्लम के पुत्तिंगल देवी मंदिर में रविवार को लगी आग के बाद से गायब मंदिर प्रबंधन के पांच लोगों ने मंगलवार को सुबह पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस को आगजनी के मामले में इन पांचों की तलाश थी.
छठा आरोपी अस्पताल में भर्ती
मंदिर प्रबंधन के अध्यक्ष जयालाल, सचिव कृष्णाकुट्टी पिल्लई और कमेटी के तीन सदस्यों जे प्रसाद, रवींद्रन पिल्लई और सोमसुंदरन पिल्लई ने केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने सरेंडर किया. पुलिस ने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही और नियमों के उल्लंघन का केस दर्ज किया हुआ है. पुलिस को इस मामले में मंदिर प्रबंधन से जुड़े 6 लोगों की तलाश थी, जिनमें से पांच ने आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि छठा पहले से घायलावस्था में हॉस्पिटल में भर्ती है.
आतिशबाजी की प्रतियोगिता में गई 109 लोगों की जान
पुलिस ने मंदिर प्रबंधन के अलावा मंदिर में आतिशबाजी सप्लाई करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ भी केस दर्ज किया हुआ है. आतिशबाजी सप्लाई करने वाले पांच लोगों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लिया था. ठेकेदारों ने जिला प्रशासन की पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी की प्रतियोगिता कराई और यही आतिशबाजी 109 लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई. इस हादसे में अभी तक 109 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा घायलों को अस्पताल में इलाज चल रहा है.
'नियमों को गंभीर रूप से उल्लंघन हुआ'
केंद्र सरकार ने हालात का जायजा लेने के लिए सोमवार को चीफ कंट्रोलर एक्सप्लोसिव्स सुदर्शन कमल को मौके पर भेजा था. सोमवार को मौके का मुआयना करने के बाद उन्होंने कहा कि नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया और बुनियादी सतर्कताओं तथा पाबंदी आदेश का पालन नहीं किया गया. कमल ने बताया, ‘विस्फोटक नियमों के गंभीर उल्लंघन की बात दिखाई देती हैं.’ उन्होंने कहा कि आतिशबाजी में प्रतिबंधित केमिकल्स का इस्तेमाल किया गया.
ऐसा हुआ था हादसा
100 साल पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर में रविवार तड़के आतिशबाजी के दौरान एक चिंगारी एक स्टोरहाउस में गिर गई थी जिसमें पटाखे रखे थे. इस कारण विस्फोट हुए और यह भीषण हादसा हुआ.