
लद्दाख में LAC पर भारत-चीन के बीच तनाव बना हुआ है. ऐसा नहीं है कि भारत चीन से सिर्फ सीमा पर ही जंग जैसे हालातों से निपट रहा है. एक और ऐसा क्षेत्र है जहां चीन के लोग घुसपैठ की लगातार कोशिश कर रहे हैं, वह है भारत का साइबर स्पेस. चीन में बैठे साइबर हैकर भारत के सर्वरों को लगातार निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अभी तक उनकी सारी कोशिशें नाकाम ही रही हैं. आपको बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में तनावपूर्ण हालातों के बीच सिर्फ पांच दिन के भीतर 40 हजार से ज्यादा साइबर अटैक रिकॉर्ड किए गए हैं.
महाराष्ट्र साइबर इंटेलीजेंस सेल के एक अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर साइबर अटैक चीन के चंडु एरिया से जनरेट हो रहे हैं. इंटनेट प्रोटोकॉल हाइजैक और फिशिंग अटैक जैसे इन प्रयासों से सरकार के टेलीकॉम सेक्टर को भी टारगेट करने की कोशिश की गई है. हालांकि हमें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. फिर भी इसके बाद सरकार ने ग्राहकों को साइबर अटैक से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी.
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इंडिया टुडे के न्यूज ट्रैक कार्यक्रम में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट जितेन जैन ने कहा कि चीन हमेशा लांग टर्म गेम खेलता है. तिब्बत में उसने जैसा किया. उन्होंने कई बार आईपीआर को चुराने की कोशिश की है. इसके अलावा टेलीकॉम और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर भी नजर भी रखने की जरूरत है. टेलीकॉम के अलावा पॉवर सेक्टर में भी चीन का काफी निवेश है. एलएसी विवाद के बाद सोशल मीडिया पर चीन प्रोपेगंडा फैला रहा है. पहले तो चीन में ट्विटर इस्तेमाल नहीं होता था, पर अब वहां लोग तेजी से ट्विटर पर जुड़ रहे हैं और प्रोपेगंडा फैला रहे हैं. वो बता रहे हैं कि कोरोना वायरस चीन में नहीं बल्कि अमेरिका से शुरू हुआ. वो भारत के खिलाफ भी बातें कर रहे हैं. अब समय आ गया है जब हमें सतर्क हो जाना चाहिए.
रॉ के पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी जयदेव रनाडे ने कहा कि चंडु में चीन के 50 हजार लोग ऐसे हैं जो भारत पर काम करते हैं और करीब 50 हजार लोग ऐसे हैं जो दलाई लामा पर काम करते हैं. यह जानकारी कुछ साल पुरानी है पर सही है. चंडु में पीएलए का सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. वो कोशिश करते हैं सिविल यूनिटी को टारगेट करने की. ये लोग सर्विलांस करते हैं. साइबर नेटवर्क पर हिट कर कमांड को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. चीन ने इसमें काफी निवेश किया है. वेस्टर्न थियेटर कमांड को भारत के साइबर कम्यूनिकेशन को डिस्टर्ब करने का काम दिया गया था.
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बहस के दौरान साइबर एक्सपर्ट जितेन ने कहा कि साइबर अटैक के लिए आज सबसे आसान तरीका मोबाइल ऐप्स हैं. इसी वजह से सरकार ने 52 मोबाइल ऐप की लिस्ट भी जारी की थी. लेकिन लोगों ने इसकी गंभीरता समझने के बजाए सोशल मीडिया पर सिर्फ लिस्ट कॉपी-पेस्ट कर दी.
वहीं दूसरी ओर चर्चा में शामिल हुए ऑब्जर्व रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के फेलो डॉ गुलशन राय ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने जो मामले रिकॉर्ड किए हैं वो साइबर अटैक नहीं बल्कि साइबर क्राइम के मामले हैं. पिछले दो महीनों से लोग काफी बड़ी संख्या में घरों से काम कर रहे हैं इसी वजह से साइबर क्राइम के मामले भी पिछले दो महीने में काफी ज्यादा बढ़े हैं. हमारा कारपोरेट सेक्टर काफी सिक्योर है, उनके पास काफी मजबूत साइबर सिक्योरिटी है.