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किसी के पोते को हुआ डेंगू तो किसी के घर में मौत, फिर भी ड्यूटी पर डटे बैंककर्मी

कमोबेश पूरे देश में एक सा माहौल है. दिल्ली, मुंबई, बड़ौदा और देश के अलग अलग भागों में नोटबंदी से उत्पन्न हुए हालातों के सामान्य करने में बैंककर्मी पूरे जी जान से जुटे हुए हैं.

नोटबंदी के बाद हालात हो रहे सामान्य, जी जान से जुटे बैंककर्मी नोटबंदी के बाद हालात हो रहे सामान्य, जी जान से जुटे बैंककर्मी
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

राजधानी दिल्ली, वित्तीय राजधानी मुंबई और बड़ौदा के कई शहरी शाखाओं में भी अभी तक 500 रुपये के नए नोट नहीं पहुंचे फिर भी अब स्थिति सामान्य होती हुई दिख रही है. शनिवार को बाकी दिनों की तुलना में नोट बदलवाने की भीड़ में कमी आई है. हालात को सामान्य बनाने में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई, पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों के कर्मी लगातार जी जान से जुटे हैं. मुंबई के एक बैंक अधिकारी के मुताबिक 10 दिनों के बाद अब हालात सामान्य होने की ओर बढ़ते दिख रहे हैं और बैंक के बाहर भीड़ में रोजाना लगभग 5 से 10 फीसदी की कमी आ रही है. इनका कहना है कि एकमात्र परेशानी कई शाखाओं में 500 रुपये के नोटों के नहीं पहुंचने से हो रही है.

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15-16 घंटे काम कर रहे बैंककर्मी
कमोबेश पूरे देश में एक सा माहौल है. दिल्ली, मुंबई, बड़ौदा और देश के अलग अलग भागों में नोटबंदी से उत्पन्न हुए हालातों के सामान्य करने में बैंककर्मी पूरे जी जान से जुटे हुए हैं. बड़ौदा से एक बैंक अधिकारी ने बताया, ‘8 नवंबर के बाद से शुरुआती कुछ दिनों में जहां सुबह 9 बजे से रात के 1 बजे तक काम हो रहा था वहीं अब भी रात 11 बजे तक बैंक बंद हो रहे हैं. आम आदमी के लिए किसी भी हालात में ट्रांजैक्शन शाम सात बजे से पहले बंद नहीं होता. करेंसी चेस्ट वाले कई ब्रांच तो अभी भी रात के 12 बजे तक काम कर रहे हैं.’

परिवार में डेथ हुआ, डेंगू हुआ लेकिन छुट्टी नहीं ली
बड़ौदा के इसी बैंक अधिकारी ने बताया कि उनके ब्रांच के एक 58-59 साल के कर्मी ने पोते को डेंगू होने और उसे खून चढ़ाए जाने के बावजूद छुट्टी नहीं ली, जबकि एक दूसरे कर्मी ने परिवार में शादी होने के बावजूद अभी तक छुट्टी के आवेदन नहीं दिया. उधर दिल्ली स्थित के बैंककर्मी के परिवार में मौत हो गई लेकिन इस कर्मचारी ने छुट्टी के लिए आवेदन तक नहीं दिया. लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बैंककर्मी स्वतः छुट्टी नहीं ले रहे हैं. दूसरी ओर बैंककर्मियों की हौसलाअफजाई के लिए दिल्ली में गैर सरकारी संस्थानों ने उन्हें गुलाब के फूल भेंट किए.

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एटीएम में 500 और 2000 के नोट नहीं पहुंचे
एटीएम में कैश की उपलब्धता में भी पहले से सुधार जरूर आया है, लेकिन रिकैलिब्रेट नहीं किए जाने की वजह से अब तक देश के कई एटीएम में 500 और 2000 के नोट आसानी से उपलब्ध नहीं हैं.

एटीएम में कितने कैश
एटीएम में चार कैसेट होते हैं. 500 और 2000 के नए नोटों के लिए अभी देशभर के कई एटीएम रिकैलिब्रेट नहीं किए गए हैं जिसकी वजह से केवल 100 के नोट ही एटीएम में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और एक कैसेट में एक बार में केवल दो हजार नोट ही भरे जा सकते हैं. इसका मतलब है कि 100 रुपये के कैसेट को भरने के बावजूद एक एटीएम में, जिसमें दो हजार और पांच सौ के नए नोट नहीं भरे जा सके हैं, एक बार में केवल 2 लाख रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं. छोटे शहरों में अभी भी 500 रुपये के नए नोट नहीं पहुंचे हैं.

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