
दिल्ली के लाजपत नगर में रविवार को मैनहोल में उतरे तीन कर्मचारियों की मौत हो गई. जिसके बाद एक बार फिर सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सफाई कर्मचारी आंदोलन के आंकड़ों के अनुसार, 1993 से अभी तक नई दिल्ली में मैनहोल में गिरने के कारण या दम घुटने के कारण कुल 81 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. वहीं देशभर में ये आंकड़ा करीब 1500 तक का है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2014 को एक आदेश में कहा था कि इस तरह की मौत में 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
रविवार को मैनहोल में जहरीली गैस के संपर्क में आने से 3 कर्मचारियों की मौत हुई थी, जिसमें से दो की तो पहचान हो पाई थी लेकिन एक की नहीं हो पाई थी. ये कोई इकलौता मामला नहीं है हाल ही के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आएं हैं.
इससे पहले पिछले महीने भी बिहार की राजधानी पटना में बुधवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ था. जब पटना नगर निगम के नाले की सफाई करने के लिए उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई. घटना शहर के इनकम टेक्स चौराहे के पास स्थित नाले में हुई.
आंकड़ों की मानें 1 जनवरी, 2014 से 20 मार्च, 2017 के बीच तमिलनाडु में सिर पर मैला ढोने के कारण 30 सफाईकमियों की मौत हो चुकी हैं. कई रिपोर्टों में यह भी सामने आया था कि देशभर में जितनी भी कर्मचारियों की मौत हुई है उसमें से काफी कम को ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाया है.