
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग की शुरुआत की है. इसके साथ ही कोयला खनन में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है. हालांकि अब कोयला खनन में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध देखा जा रहा है.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में केंद्र सरकार के जरिए कोयला खनन में 100 फीसदी एफडीआई देने का विरोध किया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है.
पत्र में पीएम मोदी से कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कोयले में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने से गलत संदेश जाएगा. यह आत्मनिर्भर भारत का खंडन करेगा और आत्मनिर्भर नीति की दृष्टि से यह सही नहीं है.
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सीएम ममता ने पत्र में लिखा कि यह नीति न तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ला सकती है और न ही ऐसी प्रौद्योगिकियां ला सकती है, जिन्हें हम आज तक नहीं देख पा रहे हैं. हालिया चलन और अनुभवजन्य साक्ष्य वैश्विक निवेशकों की रुचि को कोयला खनन परियोजनाओं की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में ज्यादा स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं.
सीएम ममता ने पत्र में लिखा, 'मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कोयला क्षेत्र में 100% एफडीआई की अनुमति देने के फैसले पर पुनर्विचार करें. साथ ही मैं कोयला मंत्रालय को सलाह देने के लिए आपके हस्तक्षेप का आग्रह करती हूं कि कोल इंडिया लिमिटेड के कोलकाता के अपने अधीनस्थ कार्यालयों को बंद करने के निर्णय के साथ आगे न बढ़ें.'