
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को खत लिखकर मांग की है कि रियल स्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. फिलहाल रियल स्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.
मनीष सिसोदिया ने जेटली को लिखी गई चिट्ठी में जिक्र किया है कि उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी में उनके उस बयान को सुना जिसमें वित्त मंत्री ने कहा कि रियल स्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है. अरुण जेटली की तारीफ करते हुए सिसोदिया ने खत में लिखा है कि वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल की तमाम बैठकों में जीएसटी के हर मुद्दे पर एक आम राय बनाने की पूरी कोशिश की.
खत में सिसोदिया ने लिखा है कि रियल स्टेट वह सेक्टर है जिसमें टैक्स की चोरी की संभावनाएं सबसे ज्यादा है. सिसोदिया ने उस चिठ्ठी का भी जिक्र किया जो उन्होंने मार्च में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखा था. इस चिठ्ठी में सिसोदिया ने कहा था कि रियल स्टेट को जीएसटी से बाहर रखने की वजह से सरकार की कालेधन के खिलाफ लड़ाई की मुहिम को झटका लगेगा.
सिसोदिया ने लिखा है, जीएसटी काउंसिल में इस राय को मंजूरी नहीं मिली लेकिन मुझे उम्मीद है कि आप रियल एस्टेट सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाएंगे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अगर इस सेक्टर में भी जीएसटी को अपनाया जाता है तो हर कदम पर काले धन के इस्तेमाल और टैक्स की चोरी खत्म हो सकती है. बस रियल स्टेट को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के लिए एक प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरुरत है.
सिसोदिया ने अरुण जेटली की तारीफ में लिखा है कि जीएसटी काउंसिल ने उनके नेतृत्व में एक अच्छा काम किया है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वह रियल एस्टेट सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के बारे में विचार करेंगे.