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RSS पर भड़कीं माया, बोलीं- गोरक्षा के नाम पर मुस्लिम-दलितों के उत्पीड़न का लाइसेंस

मायावती ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आने के बाद गोरक्षा के नाम पर पहले मुसलमानों को और अब दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इसके बावजूद मोहन भागवत का ऐसा बयान ठीक नहीं है.

मायावती मायावती
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

दशहरा के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के गोरक्षकों की प्रशंसा वाले बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मोहन भागवत ने जो गोरक्षकों की प्रशंसा की है, क्या इसका मतलब ये है कि गोरक्षा के नाम पर उनको अब देशभर में मुस्लिमों और दलितों के उत्पीड़न का लाइसेंस है.

मायावती का कहना है कि संघ को गोरक्षा की बजाय सेवा भाव और अहिंसा पर आधारित गोसेवा पर बल देना चाहिए. मायावती का कहना है कि इनके द्वारा अपराधिक सामाजिक और जातिवादी हिंसक कार्यों की अनेकों घटनाएं सामने हैं, उसके बावजूद भी अपराधिक तत्वों की तारीफ करना देशहित का काम नहीं हो सकता. चाहे गुजरात का उना दलित उत्पीड़न का मामला हो या फिर बीजेपी शासित अन्य राज्यों के मामले हो, ऐसी तमाम घटनाएं सामने आती रहती हैं.

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मायावती ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आने के बाद गोरक्षा के नाम पर पहले मुसलमानों को और अब दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इसके बावजूद मोहन भागवत का ऐसा बयान ठीक नहीं है.

सपा को भी लिया आड़े हाथों
बीएसपी सुप्रीमो ने समाजवादी पार्टी और उनकी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की समाजवादी पार्टी सरकार को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि वह केवल नाम के समाजवादी तो नहीं रह गए हैं, क्योंकि समाजवादी पार्टी का चाल चरित्र और चेहरा बिल्कुल भी समाजवादी नहीं रहा है. समाजवादी पार्टी की सोच भी केवल जातिवादी, परिवारवादी हो गई है जो कि उनके आदर्शों राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और जनेश्वर मिश्र के विचारों से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती.

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