
#MeToo कैंपेन के लपेटे में आए एमजे अकबर को आखिरकार विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. यह पहली बार है, जब किसी विवाद में फंसने के बाद मोदी सरकार के मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा है. हालांकि इससे पहले भी बीजेपी के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन एमजे अकबर पर लगा आरोप मोदी सरकार के लिए भारी पड़ गया. सूत्रों की मानें तो पीएमओ की दखलंदाजी के बाद एमजे अकबर का इस्तीफा सामने आया है.
एमजे अकबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में थे और सोशल मीडिया पर सक्रिय तबका अकबर को लेकर सीधे मोदी सरकार को घेर रहा था. पीएम मोदी की कैबिनेट के किसी मंत्री पर पहला आरोप था. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान पर तंज कस रहा था. इसके अलावा एमजे अकबर को लेकर विपक्ष भी मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला रहा था.
मध्य प्रदेश के मुरैना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार के 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' के नारे पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि सच्चा नारा है- 'बेटी पढ़ाओ और बीजेपी के नेताओं व विधायकों से बचाओ.'
कुल मिलाकर एमजे अकबर मोदी सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए खतरा बन गए थे और अकबर को लेकर पीएम मोदी खुद सभी के निशाने पर थे. वैसे इससे पहले भी बीजेपी नेताओं पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन इन आरोपों को लेकर पीएम मोदी सीधे निशाने पर नहीं आए थे.
एमजे अकबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद विदेश राज्यमंत्री बनाया था. वो उनकी पसंद थे. अकबर से पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर एक युवती से बलात्कार करने और BJP के वरिष्ठ नेता सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर हरियाणा के आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका से छेड़छाड़ करने के आरोप लग चुके हैं.
इसके अलावा कठुआ कांड के आरोपियों के समर्थन में जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल रहे बीजेपी के मंत्री समेत अन्य नेताओं ने जुलूस निकाला था. इसके लेकर भी विपक्ष ने बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया था.