
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन हो गया है. 61 वर्षीय दवे काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे. एम्स में उनका इलाज चल रहा था. वह बुधवार रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैबिनट की बैठक में मौजूद रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अनिल माधव की मौत पर दुख जताया. दवे के अकस्मिक निधन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी शोक की लहर छा गई. वह जेपी आंदोलन में भी शामिल रहे.
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के तहत 5 जुलाई 2016 को उनको केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया गया था. वह मध्य प्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते थे. छह जुलाई 1956 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे दवे ने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई.
मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दोस्त और एक आदर्श साथी के तौर पर अनिल माधव दवे जी की मौत से दुखी हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. लोक हित के काम के लिए दवे जी को याद रखा जाएगा. कल शाम ही वे मेरे साथ थे. हमने कुछ पॉलिसी इश्यू पर चर्चा भी की थी. उनका जाना मेरे लिए निजी क्षति है.
अनिल माधव दवे का जीवन सफर
1. दवे का जन्म छह जुलाई 1956 को मध्य प्रदेश के उज्जैन के बड़नगर में हुआ था.
2. इंदौर के गुजराती कॉलेज से एमकॉम की पढ़ाई पूरी की.
3. नदी एवं पर्यावरण संरक्षण बचाव के लिए लंबे समय तक काम किया. नर्मदा नदी बचाव अभियान चलाया.
4. 1964 से राष्ट्रीय स्वयंमसेवक संघ से जुड़े रहे.
5. वह साल 2009 से मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद थे.
6. मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के तहत 5 जुलाई 2016 को मंत्री बनाया गया था.
7. आखिरी बार भोपाल में आयोजित नदी, जल और पर्यावरण संरक्षण सम्मेलन को संबोधित किया.
8. मार्च 2010 से जून 2010 तक ग्लोबल वार्मिंग एंड क्लाइमेट चेंज पर पार्लियामेंट फोरम के सदस्य भी थे.
9. इसके अलावा संसद की जल संसाधन कमेटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री से भी जुड़े रहे.