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दीपावली में छूटने वाले पटाखों से होने वाले प्रदूषण ने पूरी दिल्ली को अपने चपेट में ले लिया है. पूरी दिल्ली और आसपास के इलाके में स्मॉग का कहर है. प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार ने इसे 'इमरजेंसी' करार दिया है. सोमवार को दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों (यूपी, हरियाणा और पंजाब) के पर्यावरण मंत्रियों की मीटिंग बुलाई है, जबकि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सीएम केजरीवाल ने आज अपने घर पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई है.
प्रदूषण को लेकर जंतर-मंतर में प्रदर्शन
प्रदूषण से निपटने में दिल्ली सरकार की लापरवाही को लेकर जंतर-मंतर पर बच्चे और लोग प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'दिल्ली में प्रदूषण से सांस लेना बेहद मुश्किल हो गया है. बच्चों की सेहत बिगड़ रही है. अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया, तो भविष्य खतरे में है. हमलोग हर रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. सरकार को हमारी सुननी पड़ेगी.' बता दें, सुबह 10 बजे तक दिल्ली के आरके पुरम में हवा की गुणवत्ता 999, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में 436, पंजाबी बाग में 999 और शांति पथ में 662 रिकॉर्ड की गई.
दिल्ली की हवा में जीना मुहाल, बच्चे-बुजुर्ग सब बेहाल
प्रदूषण के कारण नहीं हो पा रहा रणजी मैच
दिल्ली में जहरीले स्मॉग का असर खेलों पर भी पड़ा है. यहां दो दिन से रणजी मैच नहीं हो पा रहा है. रविवार को राजधानी के करनैल सिंह स्टेडियम में त्रिपुरा और हैदराबाद के बीच मैच के लिए प्लेयर्स मास्क लगाकर स्टेडियम पहुंचे.
आरोप-प्रत्यारोप से बचें सभी पार्टियां
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा, 'प्रदूषण से दिल्ली में इमरजेंसी के हालात हैं. ये स्थिति खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है. हमें इससे निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने होंगे.' अनिल माधव ने अपील की है कि दिल्ली के प्रदूषण को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टी आरोप-प्रत्यारोप का खेल ना खेले और इस समस्या से निपटने में सहयोग करे. बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की फटकार के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आई है. हालांकि, राजधानी में बढ़े प्रदूषण के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर पड़ोसी राज्यों को कसूरवार ठहराया है.
प्रदूषण से 6 गुना बढ़ी सांस के मरीजों की संख्या
दरअसल, दिल्ली में लगातार चौथे दिन भी स्मॉग की स्थिति जस की तस है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आप सुनकर सन्नाटे में आ जाएंगे कि दिल्ली वालों के फेफड़े 40 सिगरेट के बराबर धुआं रोज़ सोख रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली सामान्य से 20 गुना ज्यादा प्रदूषित हो गई है. दिल्ली में हर चौथे बच्चे को फेफड़े की शिकायत है. जिससे अस्पतालों में 25 फीसदी तक मरीज़ बढ़ गए हैं. यही नहीं, सांस के मरीज़ों की संख्या 5 से 6 गुना बढ़ गई है.
करीब 1800 स्कूलों में छुट्टी
प्रदूषण की वजह से शनिवार को दिल्ली में करीब 1800 से ज्यादा स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया. प्रदूषण के कारण तीनों नगर निगमों ने शनिवार को स्कूलों में छुट्टी कर दी. तीनों एमसीडी में कुल 1728 स्कूल हैं. इनमें 10 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. इसके अलावा शहर के कई प्राइवेट स्कूल भी बंद रहे. यही नहीं, अगर प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आने पर आने वाले दिनों में भी स्कूल बंद रह सकते हैं.
दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री ने लिया भलस्वा का जायजा
जानकार बताते हैं कि दिवाली पर पटाखों के प्रदूषण के साथ ही कचरे के सुलगते ढेर हवाओं को और जहरीला बना रहे हैं. पर्यावरण की फिक्र में एनजीटी ने सरकार को फटकार लगाई तो फौरन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन भलस्वा पहुंच गए. सब लोग एनजीटी की फटकार के बाद मुआयने में जुट गए हैं. लेकिन इलाज किसी के पास नहीं है. जहरीले स्मॉग का असर दिल्ली के सीएम के दर तक है. लेकिन सीएम साहब जितना फिक्रमंद अपने ऊर्जा सचिव को हटाए जाने को लेकर हैं उतना स्मॉग पर नहीं दिखे.
जानें, दिल्ली की हवा कैसे हुई जहरीली?
1. गाड़ियों के धुएं वायु प्रदूषण के लिए बड़ी वजह
2. दिलावी की रात अंधाधुंध पटाखे छोड़े जाने से
3. चिमनियां और फैक्ट्रियों के धुएं बड़ी वजह
4. भलस्वा और गाजीपुर में जलाए जा रहे कूड़े से
5. धूल के कण का प्रदूषण बढ़ाने में भूमिका
6. पंजाब और हरियाणा में जलाए जा रहे भूसे से
7. पंजाब में हर साल 1 करोड़ 80 लाख टन जलाए जाते हैं भूसे