
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्डरिंग (Money-laundering case) के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा के कथित करीबी सहायक मनोज अरोड़ा के खिलाफ बेमियादी गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष यह अनुरोध किया. अब मामले पर 8 जनवरी को सुनवाई होगी.
ED ने अदालत से कहा कि बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद मनोज अरोड़ा पूछताछ के लिए उपस्थित होने में विफल रहा. ED ने दावा किया कि अरोड़ा मामले में अहम किरदार है. उसे विदेशों में वाड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और इस तरह की संपत्तियों के लिए पैसे की व्यवस्था करने में उसने अहम रोल निभाया. वाड्रा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं. आपको बता दें कि अन्य गैर जमानती वारंट की तरह बेमियादी गैर जमानती वारंट की तीमाल के लिए समय सीमा नहीं होती.
वकील एआर आदित्य के जरिए दाखिल याचिका में ईडी ने दावा किया कि लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदने के लिए UEA के रास्ते पैसा पहुंचाया गया. इस संपत्ति का कथित तौर पर मालिकाना हक वाड्रा के पास है. ईडी ने कहा कि कालाधन कानून के तहत मामले की जांच की गई है.
जांच एजेंसी ED ने अपनी याचिका में कहा, ‘लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्कवायर में संपत्ति पर वाड्रा का नियंत्रण है. इसकी कीमत 19 लाख पाउंड आंकी गई है. इस संपत्ति के मरम्मत कार्य कराने के साथ ही इसके लिए धन की भी व्यवस्था की गई.’
ED के मुताबिक संजय भंडारी ने 19 लाख पाउंड में संपत्ति की खरीददारी की और मरम्मत के लिए इस पर 65 हजार 900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा होने के बावजूद 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री कर दी गई. ईडी ने अपनी अर्जी में कहा कि परिसर की तलाशी के बाद से मनोज अरोड़ा फरार है.