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17 जुलाई से संसद का मानसून सत्र, मंदसौर फायरिंग-कश्मीर पर हंगामे की आशंका

संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में शुक्रवार शाम को इन तारीखों की सिफारिश की गई. 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव बी होना है.

शुरू होगा संसद का मानसून सत्र शुरू होगा संसद का मानसून सत्र
केशवानंद धर दुबे/संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में शुक्रवार शाम को इन तारीखों की सिफारिश की गई. 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी होना है. इसी दिन संसद का सत्र शुरू होगा. पहले दिन की कार्यवाही दो दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी जाएगी. गौरतलब है कि लोकसभा के सदस्य और अभिनेता विनोद खन्ना का पिछले दिनों निधन हो गया था. वहीं राज्यसभा सदस्य पल्लवी रेड्डी का भी निधन हो गया था.

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इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने की आशंका है. विपक्षी दल किसान आंदोलन, मंदसौर में किसानों पर पुलिस फायरिंग, यूपी में कानून-व्यवस्था, कश्मीर जैसे कई मसलों पर मोदी सरकार को घेर सकते हैं.

शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहा
संसद का शीतकालीन सत्र तो हंगामे की भेंट चढ़ा रहा, लेकिन कामकाज के लिहाज से बजट सत्र ऐतिहासिक रहा था. इस दौरान जब बजट पास करने से संबंधित सभी कार्यवाही लोकसभा व राज्यसभा दोनों में 31 मार्च से पहले ही पूरी कर ली गईं . इसकी बदौलत बजट के प्रावधानों को लागू करने का काम अब नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से ही शुरू हो चुका है. पहले यह काम जून-जुलाई तक ही शुरू हो पाता था. यह भी पहली बार हुआ जब सरकार ने रेल बजट और आम बजट को मिलाकर एक साथ पेश किया.शीतकालीन सत्र पूरे बजट सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में 24 बिल और राज्यसभा में 14 बिल पास करा पाई. 18 बिल ऐसे थे जिसे सरकार ने दोनों सदनों में पास कराने में सफलता पाई. सरकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि 10 साल से ज्यादा से लटका हुआ जीएसटी बिल आखिरकार लोकसभा व राज्यसभा दोनों से पास हो गया. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद विपक्ष का सहयोग मिला और बिना किसी संशोधन के यह बिल राज्य सभा से भी पास हो गया.

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