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शहीद मेजर अमित देसवाल का हुआ अंतिम संस्कार

शहीद मेजर अमित देसवाल को अंतिम विदाई दी गई. शहीद का पार्थिव शरीर हरियाणा के झज्जर पहुंचते ही लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. झज्जर के सुरहेती गांव में वीर जवान का अंतिम संस्कार किया गया

शहीद मेजर अमित देसवाल शहीद मेजर अमित देसवाल
प्रियंका झा
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

शहीद मेजर अमित देसवाल को अंतिम विदाई दी गई. शहीद का पार्थिव शरीर हरियाणा के झज्जर पहुंचते ही लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. झज्जर के सुरहेती गांव में वीर जवान का अंतिम संस्कार किया गया. शहीद मेजर देसवाल के शरीर को मणिपुर से पहले दिल्ली लाया गया था. मेजर देसवाल इंफाल में उग्रवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे. पिता ने कहा कि देश के लिए बेटा शहीद हो गया ये उनके लिए गर्व की बात है.

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मणिपुर के तामेंगलोंग के जंगलों में उग्रवादियों से मुठभेड़ में मेजर देसवाल ने बुधवार को अपनी जान गंवा दी थी. उन्हें सीने और पेट में दो गोलियां लगी थीं. आज झज्जर जिले के सुरेहती गांव में सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

शहीद मेजर देसवाल का पार्थिव शरीर उनके पिता को सौंपा गया. अमित देसवाल के पिता भी फौजी थे. उन्होंने अपने बेटे के शहीद शरीर पर फूल चढ़ाए. मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह भी मेजर देसवाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. शहीद मेजर देसवाल को इंफाल में भी पूरे सैनिक सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई.

इसी साल संभाला था मणिपुर की हिफाजत का मोर्चा
आर्मी की स्पेशल ग्रुप की कड़ी कमांडो ट्रेनिंग से गुजरकर मेजर अमित देसवाल ने इसी साल जनवरी महीने में मणिपुर में ऑपरेशन हिफाजत पार्ट-2 का मोर्चा संभाला था. मेजर मेजर अमित देसवाल की अगुवाई में आर्मी के स्पेशल ग्रुप की टुकड़ी भी एनएससीएन खापलांग गुट के सफाए में जुटी थी.

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13 अप्रैल 2016 की शाम मणिपुर के तामेंगलोंग के जंगलों में एनएससीएन खापलांग गुट और जेडएनएफ के आतंकवादियों के घुसने की खबर मिली. मेजर अमित देसवाल की अगुवाई में आर्मी के स्पेशल ग्रुप ने फौरन जंगलों में मोर्चा संभाल लिया. बुधवार रात में उग्रवादियों के झुंड के साथ आमने-सामने का एनकाउंटर तेज हो गया. एनकाउंटर में उग्रवादियों का सरगना मौके पर ही मारा गया जबकि पेट और सीने में दो गोलियां लगने से मेजर अमित देसवाल भी गंभीर रूप से घायल हो गए.

यूएन पीसकीपिंग फोर्स में कर चुके थे ड्यूटी
मेजर देसवाल कुछ महीने पहले ही यूएन पीसकीपिंग फोर्स में ड्यूटी कर लौटे थे. मेजर देसवाल ने 10 जून 2006 को आर्मी ऑफिसर के रूप में अपना फौजी करियर शुरू किया था. उन्हें आर्मी के स्पेशल कमांडो दस्ते में चुना गया. साल 2011 में मेजर अमित देसवाल कमांडो दस्ते का हिस्सा बन गए.

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