
उरी हमले में शहीद हुए 18 जवानों के घर पर मातम पसरा हुआ है. हाल ये है कि परिजनों के साथ-साथ पूरे गांव में शोक की लहर है. देश के कई हिस्सों से हुए शहीदों के परिवार से जुड़ी हुई भावुक कर देने वाली खबरें सामने आ रही हैं. किसी की शादी होने वाली थी तो किसी पिता के दो बेटे देश पर कुर्बान हो गए. किसी की बेटी सेना में जाकर बदला लेना चाहती है तो कोई बाप अब अपने किसी बेटे को सेना में नहीं भेजने की बात कर रहा है. यहां शहीदों और उनके परिजनों से जुड़ी हुई ऐसी ही 18 बातों का हम जिक्र कर रहे हैं.
1) बेटे को नहीं पता- क्यों जुटी भीड़
यूपी के जौनपुर के भाकुरा गांव के शहीद राजेश सिंह के छह साल के मासूम बेटे रिशांत के समझ में नहीं आ रहा कि आखिर घर पर अचानक इतने लोग क्यों जुटे हैं. फूल क्यों लाकर रखा गया है. रिशांत को नहीं मालूम की उसके पापा अब कभी नहीं आएंगे. उससे कभी बात नहीं कर पाएंगे. बात पहले भी कम ही हो पाती थी, क्योंकि जहां राजेश तैनात थे वहां मोबाइल नेटवर्क कम आता था.
2) शादी की तैयारियां मातम में बदलीं
नासिक के खंडागली के शहीद जवान संदीप ठोक के घर पर उनकी शादी की तैयारियां चल रही थीं. लेकिन उरी हमले ने एक झटके में संदीप के घर की खुशियों को मातम में बदल दिया. 22 साल के संदीप की मां का रो रोकर बुरा हाल है. भाई इस कदर सदमे में है कि कुछ बोल नहीं पा रहा.
3) शहीद की बेटियां पहुंची स्कूल
'पापा के सपनों को पूरा करना है. पापा ने कहा था कि अच्छे से परीक्षा देना, अच्छे मार्क्स लाना.' ये लब्ज हैं उरी में आतंकी हमले में देश की रक्षा करते शहीद हुए गया के सुनील कुमार विद्यार्थी के उन तीन बेटियों के जो अपने पापा की मौत की खबर सुनने के बाद भी गया के डीएवी स्कूल में परीक्षा देने गई. जो मां हर दिन अपनी बेटियों को स्कूल जाने के लिए तैयार किया करती थी वो बेसुध होकर घर के बेड पर पड़ी है. घर वालों के साथ-साथ पूरा गांव शहीद सुनील के शव के आने का इंतजार कर रहा है. इन सबके बाबजूद आरती, अंशु और अंशिका कंधे पर बैग लिए स्कूल जाने को तैयार हैं. कारण कि उसकी परीक्षा चल रही है.
4) नहीं खोला गया शहीद का ताबूत
उरी की आतंकवादी घटना में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के जौनपुर के राजेश सिंह की लाश इतनी क्षत-विक्षत हो चुकी थी कि उसे अंतिम दर्शन के लिए निकालना भी संभव नहीं था. इसीलिए घर पर अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ होने के बावजूद और घर के लोगों के लाख आग्रह के बाद भी ताबूत को नहीं खोला गया था.
5) पत्नी ने किया मुआवजा लेने से इनकार
बिहार के भोजपुर जिले के अशोक सिंह भी उरी अटैक में शहीद हुए सैनिकों में से एक हैं. उनकी पत्नी ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है. शहीद की पत्नी संगीता ने कहा कि बिहार सरकार भिखारी है, हमको इनकी भीख नहीं चाहिए. मेरे पति दारू पीकर थोड़े ही मरे हैं. देश के लिए शहीद हुए हैं.
6) उरी हमले में शहीद हुए बिहार के गया के एसके विद्यार्थी के पिता ने कहा कि अगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर किसी बेटे को सेना में नहीं भेजेंगे.
7) शहीद ने मां से कहा- जितनी बात करनी हो, कर लो
बलिया के लांस नायक आरके यादव ने हमले से तीन दिन पहले अपनी मां से बात की थी. उस दौरान अपनी मां से कहा था कि मैं जल्द ही ऊंची रेंजों में तैनात होने जा रहा हूं और वहां पर फोन से बात की सुविधा नहीं मिलेगी इसलिए जितनी बात करनी हो, कर लो. उनकी पत्नी गर्भवती हैं और इसी महीने उनके तीसरे बच्चे की डिलीवरी होने वाली है. उनकी दो बेटियां हैं और बड़ी बेटी की उम्र आठ साल है.
8) बेटियों ने कहा- पिता की शहादत का लेंगे बदला
उरी में शहीद हुए राजस्थान के राजसमंद के निंब सिंह रावत की चार बेटियों ने कहा कि वे टूटेगी नहीं और खुद सेना और पुलिस में भर्ती होकर आंतकियों से लोहा लेंगी. उनकी बेटी का कहना है कि वो भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं. उसने कहा वे पिता की शहादत खाली नहीं जाने देगी.
9) दशहरे पर किया था घर आने का वादा
उरी हमले में शहीद हुए गया जिले के नायक सुनील कुमार विद्यार्थी दशहरे पर घर आने की बात कहकर ढाई महीने पहले वापस ड्यूटी पर गए थे. लेकिन वे अपना वादा नहीं निभा सके और देश के लिए कुर्बान हो गए. सुनील की बड़ी बेटी ने कहा कि जैसे पाकिस्तान हमले करता है वैसे ही हमें हमले करने होंगे. जब तक हम हमला नहीं करेंगे पाकिस्तान कभी सबक नहीं सीखेगा.
10) बलिया जिले के राजेश कुमार यादव के भाई विकेश ने कहा कि मोदीजी यूं ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे तो न जाने और कितने जवान शहीद होंगे. अब मीटिंग करने का नहीं, कुछ करने का वक्त है.
11) राजस्थान के राजसमंद जिले के शहीद हवलदार निम्ब सिंह के छोटे बेटे बिलखती बड़ी बहनों के आंसू पौंछता रहा और बोला- मैं हूं ना.
12) पाकिस्तान को मिले किए की सजा
उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले के मेंहदावल थाना स्थित घूरापाली निवासी गणेश शंकर भी उरी हमले में शहीद हो गए. उनके परिजनों का कहना है कि पीएम ऐसा काम करें कि पाकिस्तान को उसके किए की सजा मिल जाए. शहीद की आत्मा को शांति मिले.
13) वर्दी पहन लेगा पिता की मौत का बदला
जम्मू और कश्मीर के सांबा जिले के हवलदार रवि पाल सलोत्रा के 10 साल के बेटे को यह मालूम है कि उसके पिता उरी आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं लेकिन देश सेवा का उसका जज्बा इससे और मजबूत हुआ है. 10 वर्षीय वंश फौज की वर्दी पहनना चाहते हैं और पिता की मौत का बदला लेना चाहते हैं.
14) किसान का दूसरा बेटा भी शहीद
भोजपुर जिले के रहने वाले 80 साल के किसान जयनारायण सिंह का दूसरा बेटा भी शहीद हो गया है. उरी हमले में उनके 50 साल के बेटे हवलदार अशोक कुमार सिंह शहीद हो गए. इससे पहले 1986 में बड़ा बेटा कामता सिंह भी देश के लिए कुर्बान हो गया था.
15) '...खुद आतंकियों को गोली मार दूं'
झारखंड के ही एक और शहीद नायमन की पत्नी वीणा ने सरकार के प्रति हमले को लेकर रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मैं खुद जाऊं और उन आतंकियों को गोली मार दूं.
16) नहीं जले चूल्हे
आतंकी हमले में दो जवान झारखंड के भी शहीद हुए हैं. शहीद जवानों में एक जावरा मुंडा खूंटी जिले के मुरहू थाना क्षेत्र स्थित मेराल गांव का रहने वाला था, जबकि दूसरा जवान गुमला जिले का नयमन कुमार था. शहादत की सूचना मिलते ही दोनों गांव में शोक का माहौल है. दोनों जवानों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों गांव में खबर मिलने के बाद से ही चूल्हे नहीं जले.
17) फोन पर जानकारी मिलते छाया मातम
झारखंड के मुरहू प्रखंड के मेराल गांव के जवान जबरा मुंडा की शहादत की खबर फोन पर मिली. शहीद के छोटे भाई ने बताया कि भाभी के मोबाइल पर कॉल आया. भाभी की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी. उधर से कॉल करने वाला ने पूछा कि आपके परिवार का कोई सदस्य सेना में काम करता है. मैंने जबाव दिया हां, तो उधर से कहा कि कश्मीर में वे शहीद हो गए हैं. यह जानकारी देनी है. उसके बाद रोना-धोना शुरू हो गया.
18) पत्नी को चढ़ा स्लाइन
आरा जिले के रकूट टोला में सन्नाटा पसरा है. इस गांव के भी एक लाल ने अपनी कुर्बानी देश के लिए दे दी. हवलदार अशोक सिंह की शहादत की खबर सुन गांव में मातम छा गया. शहीद अशोक सिंह पत्नी संगीता देवी अपने पति के शहीद होने की खबर सुनकर उसकी हालात खराब हो गई. उन्हें स्लाइन चढ़ाया जा रहा है.