
उरी में आतंकी हमले के बाद जहां एक ओर शहीदों को अंतिम विदाई दी जा रही है, वहीं एनआईए ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने मारे गए चारों आंतकियों के फिंगर प्रिंट और खून के सैंपल जमा किए हैं. इसके साथ ही सेना दशतगर्दों से बरामद हथियार और सामान भी एनआईए के सुपुर्द करेगी. एनआईए ने इस ओर एफाईआर भी दर्ज कर लिया है.
दिल्ली से उरी पहुंचे जांच दल ने आर्मी के अफसरों से बातचीत की और मौका-ए-वारदात से मिले अहम सबूतों को अपने कब्जे में लिया. सेना के अधिकारियों ने एनएआईए को बरामद चार एके-47, चौदह मैगजीन, सैटेलाइट डिवाइस, जीपीएस फोन, लैपटॉप, हैंड ग्रेनेड समेत खाने-पीने की तमाम चीजें सौंप दी हैं.
एफबीआई के लैब में होगी जांच
आतंकी से बरामद सामान में सबसे अहम सबूत जीपीएस फोन और सैटेलाइट डिवाइस है. इसका इस्तेमाल आतंकियों ने सरहद पार अपने आका को फोन करने और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए किया था. एनएआईए इन जीपीएस फोन और सैटेलाइट डिवाइस को अमेरिका के एफबीआई फोरेंसिक लैब भेजने जा रही है.
एनआईए जानना चाहती है कि आतंकी किस रास्ते से उरी के सेना मुख्यालय पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने किस-किस से बात की. इस जांच से पाकिस्तान का सच भी सामने आएगा, जिसमें वो बार-बार इस हमले को लेकर किसी भी तरह की जानकारी से इनकार कर रहा है.