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राहुल गांधी ने खुद को बताया बेसुरा, कहा- देश में सांप्रदायिक सौहार्द की तरह है संगीत

राहुल ने कहा कि गाना गाने का मेरा करियर महज एक दिन का है. उन्होंने बताया कि 10वीं क्लास में मेरे सीनियर स्टूडेंट्स ने कहा कि गाना गाओ और स्टूल पर चढ़ा दिया. मैं घबराया, डरा और गाकर भाग गया.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
केशव कुमार/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बताया कि सोनिया गांधी की तबियत ठीक हो रही है. पहली बार राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार देने आए राहुल ने बताया सोनिया कार्यक्रम में भी आना चाहती थीं, लेकिन प्रियंका और खुद उन्होंने रोक दिया. अवार्ड जीतने वाली गायिका शुभा मुद्गल को सोनिया ने बधाई भेजी.

गाने के नाम पर किया था शोर
इस मौके पर संगीत के बारे में राहुल ने कहा कि गाना गाने का मेरा करियर महज एक दिन का है. उन्होंने बताया कि 10वीं क्लास में मेरे सीनियर स्टूडेंट्स ने कहा कि गाना गाओ और स्टूल पर चढ़ा दिया. मैं घबराया, डरा और गाकर भाग गया. सीनियर्स ने वापस बुलाया और कहा कि तुम तो शोर कर रहे थे, गाना नहीं गाया. राहुल बोले कि मैंने अपना गाने का कैरियर वहीं खत्म कर दिया और आज तक फिर दोबारा नहीं गाया.

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सांप्रदायिक सौहार्द की तरह है संगीत
राहुल ने शुभा मुद्गल की तारीफ की और कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द एक संगीत की तरह है. देश में लोग कुछ बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हमें इसे बनाए रखना है. राहुल ने इस मौके पर भी बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला.

इंसान को इंसान बनाया जाए
आखिर में शुभा ने गोपाल दास नीरज की लिखी कुछ पंक्तियां पढ़ी. उन्होंने गाया कि इक ऐसा मजहब बनाया जाए, जहां इंसान को इंसान बनाया जाए. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द और कट्टरवाद की सियासत हर जगह अपनी पैठ बना ही लेती है और सच्चे-झूठे का सियासी सवाल सिर्फ सवाल बनकर ही रह जाता है.

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